65 वर्षीय पत्नी ने कहा-बच्चों की खातिर सब कुछ सहती रही, अब नहीं रहना साथ
45 साल तक बच्चों के लालन-पालन के लिए चुपचाप सबकुछ सहती रही। यह कहना है 65 वर्षीया पत्नी का। बताया कि पति के साथ मेरी नहीं बनती थी। वे मुझे मान-सम्मान नहीं देते।
भोपाल, (नईदुनिया प्रतिनिधि)। जीवन भर पति ने सम्मान नहीं दिया, पहले ससुराल वालों के सामने मान-सम्मान नहीं दिया। अब बेटे-बहू के सामने भी बेइज्जत करते हैं। 45 साल तक बच्चों के लालन-पालन के लिए चुपचाप सबकुछ सहती रही। सभी अपनी-अपनी जिंदगी में व्यस्त हैं। पहले भी पति के साथ मेरी नहीं बनती थी। वे मुझे मान-सम्मान नहीं देते थे, लेकिन अब बेटे व बहू के सामने यह सब नहीं सह सकती हूं। पति ने रिटायरमेंट के बाद मेरे नाम एफडी की है, लेकिन मैं खुद को व्यस्त रखने के लिए एक स्कूल में पढ़ाती हूं।
यह बात मध्य प्रदेश के भोपाल की अरेरा कॉलोनी निवासी एक प्रतिष्ठित पद से रिटायर हुए अधिकारी की 65 वर्षीय पत्नी ने जिला सेवा विधिक प्राधिकरण में पहुंचे मामले में काउंसलिंग के दौरान कही। पत्नी ने 70 वर्षीय पति से तलाक के लिए केस लगाया है। उनकी दो बार काउंसलिंग हो चुकी है। जिला सेवा विधिक प्राधिकरण में इन दिनों 50 वर्ष के बाद की उम्र के पति-पत्नी के तलाक के मामले काउंसलिंग के लिए आ रहे हैं।
काउंसलर्स का मानना है कि जीवन के अंतिम पड़ाव में अब पति-पत्नी साथ नहीं रहना चाहते हैं, जबकि इस उम्र में एक-दूसरे के साथ की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। प्राधिकरण में करीब छह माह में ऐसे आठ से 10 मामले पहुंचे हैं। जिनकी काउंसलिंग कर उनके रिश्ते को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
घर की देखभाल के लिए छोड़ दी नौकरी
अरेरा कॉलोनी निवासी बैंक में उच्च पद से रिटायर हुए अधिकारी की 55 वर्षीय पत्नी ने पति से अलग होने के लिए तलाक का केस लगाया है। पत्नी ने काउंसलिंग में बताया कि मैं भी नौकरी करती थी, लेकिन ससुराल वालों की देखभाल के लिए छोड़ दी। दो बेटे हैं, एक मुंबई में नौकरी करता है और दूसरा भी सैटल्ड है। कभी भी पति ने दूसरों के सामने मुझे मान-सम्मान नहीं दिया। 30 साल तक बच्चों की खातिर सब सहती रही, लेकिन अब मैं अकेले रहना चाहती हूं। 57 वर्षीय पति ने काउंसलिंग के दौरान बताया कि उसे पता ही नहीं कि उसकी गलती क्या है, ताकि वह सुधारने का प्रयास करें।
पति-पत्नी दोनों में सामंजस्य की कमी
कुटुम्ब न्यायालय की काउंसलर नूरन्न्शिा खान का कहना है कि ऐसे कई मामले आ रहे हैं। महिलाएं अपने जीवन के कई वर्ष घर-परिवार के लिए समर्पित करती हैं, लेकिन उम्र के दूसरे पड़ाव में जब उसे मानसिक व शारीरिक रूप से सभी का सहयोग चाहिए होता है तो वे अकेली खड़ी होती है। इस स्थिति में बच्चों को बुलाकर भी काउंसलिंग करते हैं।
रिश्ते बचाने का प्रयास
50 साल से अधिक उम्र के पति-पत्नी के बीच तलाक के मामले काफी आ रहे हैं। जब दोनों को साथ होना चाहिए, तब वे अलग होने के लिए केस लगा रहे हैं। ऐसे मामलों में दोनों की चार से पांच बार काउंसलिंग कर उनके रिश्ते को बचाने का प्रयास किया जाता है।
शैल अवस्थी, काउंसलर, जिला सेवा विधिक प्राधिकरण
काउंसलर ने बताया रिश्तों के टूटने का कारण
- पति सुख-सुविधा तो पत्नी को देते हैं, लेकिन उनके मान-सम्मान का ख्याल नहीं रखते।
- घर-परिवार की जिम्मेदारी में उलझकर एक-दूसरे की भावनाओं का ख्याल नहीं रखते।
- जब बच्चे अपने जीवन में व्यस्त हो जाते हैं तो पति-पत्नी अकेले पड़ जाते हैं।
- परिवार की जिम्मारी के कारण एक-दूसरे को समय नहीं दे पाते हैं।
- - पति-पत्नी एक-दूसरे से बात नहीं करते हैं।