Solar Energy में 60 अरब के निवेश का रास्ता खुला, सोलर संयंत्रों के लिए तीन कंपनियों ने लगाई बोली
तैयार होगा घरेलू सोलर पैनल मैन्यूफैक्चरिंग उद्योग।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। देश के बिजली सेक्टर में काफी दिनों बाद कोई शुभ समाचार मिला है। इस बार यह समाचार सोलर इनर्जी क्षेत्र से आई है जहां कई तरह की अनिश्चितताओं की वजह से माहौल खराब हो रहा था। बुधवार कों मैन्यूफैक्चरिंग आधारित सोलर इनर्जी प्लांट लगाने की सरकार के प्रस्ताव के लिए तीन बड़ी कंपनियों ने निविदा भरी है।
सरकार ने इस योजना के तहत 1000 मेगावाट की सोलर योजना के लिए प्रस्ताव मांगे थे लेकिन कुल 2000 मेगावाट के लिए प्रस्ताव आए हैं। पिछले कई महीनों से केंद्र सरकार की तरफ से इस योजना के तहत जो निविदा जारी किया जा रहा ता उसके प्रति कोई भी कंपनी उत्साह हीं दिखा रही थी। कई बार निविदा की तारीख को बढ़ाने के बावजूद भी कंपनियां ने उत्साह नहीं दिखाया था। लेकिन अब संकेत है कि सोलर इनर्जी से जुड़ी पावर कंपनियां एक बार फिर भारतीय बाजार के प्रति आश्वस्त हो रही हैं।
अडानी समूह की कंपनी एजीईएल ने 1000 मेगावाट मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट और 4000 मेगावाट की सोलर इनर्जी प्लांट लगाने के लिए प्रस्ताव भेजा है। जबकि अजूरे पावर ने 500 मेगावाट क्षमता के लिए मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट व 2000 मेगावाट की परियोजना और नवयुग ने 500 मेगावाट की मैन्यूफैक्चरिंग और 2000 मेगावाट क्षमता की परियोजना लगाने का प्रस्ताव भेजा है।
इससे यह भी साबित हो रहा है कि सौर उर्जा में घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने की सरकार की नीति अब काम करती दिख रही है। यह देश में सोलर पैनल उद्योग की मजबूत जमीन तैयार करेगा क्योंकि उक्त निविदा को हासिल करने वाली कंपनियों को मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत घरेलू स्तर पर सोलर पैनल व सौर ऊर्जा प्लांट में इस्तेमाल होने वाले अन्य उपकरणों की मैन्यूफैक्चरिंग करनी होगी।
उक्त कंपनियां इन निविदाओं को पूरा करने के लिए 6000 करोड़ रुपये का नया निवेश करेंगी। साथ ही उक्त प्लांट सीधे तौर पर 10 हजार नई नौकरियां देंगे और 40 हजार लोगों को परोक्ष तौर पर भी रोजगार मिलेगा। सनद रहे कि भारत अभी सोलर प्लांट में इस्तेमाल होने वाले 95 फीसद उपकरणों को चीन से आयात करता है और इस पर सालाना 10 अरब डॉलर की राशि खर्च आती है। उक्त तीनों कंपनियों की परियोजनाओं के माध्यम से देश में सोलर प्लांट मैन्यूफैक्चरिंग का बड़ा उद्योग खड़ा हो सकता है। सनद रहे कि पीएम नरेंद्र मोदी ने हाल ही में यह कहा था कि भारत रिनीवल ऊर्जा के जरिए देश में 4.50 लाख मेगावाट बिजली पैदा करने की क्षमता रखता है जिसका दोहन होना चाहिए।