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बैतूल में जिला न्यायाधीश और उनके बेटे की मौत के सिलसिले में 6 लोगों को पकड़ा गया

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश महेंद्र कुमार त्रिपाठी की परिचित महिला सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 07:59 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2020 08:12 AM (IST)
बैतूल में जिला न्यायाधीश और उनके बेटे की मौत के सिलसिले में 6 लोगों को पकड़ा गया
बैतूल में जिला न्यायाधीश और उनके बेटे की मौत के सिलसिले में 6 लोगों को पकड़ा गया

बैतूल , एएनआइ। पुलिस अधीक्षक (एसपी) सिमला प्रसाद ने कहा कि बैतूल पुलिस ने त्रिपाठी और उनके बेटे की संदिग्ध विषाक्तता के कारण मौत के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश महेंद्र कुमार त्रिपाठी की परिचित महिला सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया है।

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प्रसाद ने आगे बताया कि जांच से पता चला है कि एडीजे को संध्या (महिला अपराधी) ने छिंदवाड़ा से तंत्र-मंत्र (काला जादू) का सहारा लेने के लिए सलाह दी थी ताकि पारिवारिक कलह दूर हो और स्वास्थ्य अच्छी हो, जिसके बाद उनके बीच आटे का आदान-प्रदान हुआ। उन्होंने बताया, 'एडीजे पिछले 10 वर्षों में कई बार पैसे की मदद कर चुका था। पहली नजर के अनुसार, एडीजे पैसे लौटाने के लिए दबाव बढ़ा रहा था। छह लोगों के खिलाफ धारा 302, 307 के तहत मामला दर्ज किया गया है।' पुलिस के अनुसार, नमूनों की रिपोर्ट आने के बाद आटे में मिश्रित जहर के बारे में विवरण सामने आएगा।

पुलिस ने खुलासा किया है कि घटना के दो दिन पहले संध्या बैतूल आई थी। पुलिस गुरुवार को सभी आरोपियों को जिला न्यायालय में पेश करेगी। बता दें कि पुलिस ने कहा है कि बैतूल के अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश महेंद्र कुमार त्रिपाठी और उनके बेटे की संदिग्ध विषाक्तता के कारण मौत हुई है।

एडीजे महेंद्र कुमार त्रिपाठी ने बताया था कि सोमवार 20 जुलाई की रात में अपने दोनों बेटों और पत्नी के साथ में भोजन किया था। इसके बाद त्रिपाठी और दोनों पुत्रों की हालत बिगड़ गई। इन तीनों ने चपाती खाई थी वहीं पत्नी ने चावल खाए थे। बताया जाता है कि ये तीनों फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो गए थे। छोटे पुत्र को तुरंत ही उल्टियां हो गई थीं जिससे उसकी तबीयत अधिक नहीं बिगड़ी।

पुलिस के अनुसार, एडीजे त्रिपाठी की पत्नी संध्या त्रिपाठी नर्स रह चुकी हैं। पत्नी ने पुलिस को बताया कि भोजन के बाद तबीयत बिगड़ने पर तीनों का घर पर ही तुरंत उपचार किया लेकिन अधिक सुधार नहीं होने पर अगले दिन जिला अस्पताल के दो डॉक्टरों को बंगले पर बुलाकर इलाज कराया गया। इसके बाद भी जब एडीजे त्रिपाठी और पुत्र अभिनवराज की हालत में सुधार नहीं हुआ तो उन्हें बैतूल के पाढर अस्पताल ले जाया गया। यहां भर्ती कर उनका उपचार चल रहा था। हालत गंभीर होने उन्हें नागपुर रेफर किया गया।

नागपुर ले जाते समय रास्ते में ही उनके पुत्र अभिनवराज की मौत हो गई थी वहीं, एडीजे त्रिपाठी की भी इलाज के दौरान नागपुर के एलेक्सिस अस्पताल में मौत हो गई। एडीजे त्रिपाठी मप्र के शहडोल जिले के धनपुरी क्षेत्र के निवासी थे।


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