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Coronavirus Outbreak: फिलहाल 5000 पैसेंजर कोच को आइसोलेशन वार्ड बनाने में जुटा रेलवे

कोरोना के विरुद्ध राष्ट्रव्यापी जंग में रेलवे बड़े पैमाने पर अपना योगदान दे रहा है। चीन से सीख लेते हुए उसने अपनी तैयारियों को सुपर रफ्तार देने का फैसला लिया है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 30 Mar 2020 09:08 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2020 09:08 PM (IST)
Coronavirus Outbreak: फिलहाल 5000 पैसेंजर कोच को आइसोलेशन वार्ड बनाने में जुटा रेलवे
Coronavirus Outbreak: फिलहाल 5000 पैसेंजर कोच को आइसोलेशन वार्ड बनाने में जुटा रेलवे

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कारोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए रेलवे शुरुआती तौर पर अपने 5000 पैसेंजर कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील करेगा। रेलवे बोर्ड ने इस आशय के संदेश मिलने के बाद सभी जोनो ने अपने अपने स्तर पर इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। कोच को आइसोलेशन में तब्दील करने के अलावा रेलवे अपने अस्पतालों में 6500 बिस्तररों को भी कोरोना पीडि़तों के इलाज के अनुरूप तैयार कर स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराएगा।

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कोरोना के विरुद्ध राष्ट्रव्यापी जंग में रेलवे बड़े पैमाने पर अपना योगदान दे रहा है। चीन से सीख लेते हुए उसने अपनी तैयारियों को सुपर रफ्तार देने का फैसला लिया है। जिस तरह चीन ने दस दिनों में कोरोना पीडि़तों के इलाज के लिए एक विशालकाय अस्पताल बनाकर खड़ा कर दिया था। उसी तरह रेलवे अगले कुछ दिनों में अपनी 5000 पैसेंजर बोगियों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील करने के लिए दिन रात कार्य कर रहा है।

इसी तरह देश भर में फैले रेलवे के जोनल व डिवीजनल अस्पतालों में उपलब्धर 6500 बिस्तरों को कोरोना के इलाज से जुड़ी सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। इनमें रेलवे के डाक्टर और पैरामेडिकल कर्मी भी चौबीसों घंटे तैनात रहेंगे। ये सारी तैयारियां रेलवे की ओर से अग्रिम तौर पर की जा रही हैं। ताकि आवश्यकता पड़ने पर इन्हें सरकार को उपलब्ध कराया जा सके।

रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक रेलवे शुरुआत में 5000 कोच को आइसोलेशन वार्ड में बदलेगा। लेकिन हमारी तैयारी 20 हजार कोच को आइसोलेशन वार्ड बनाने की रहेगी है। सरकार की ओर से इशारा मिलते ही हम उन पर भी काम शुरू कर देंगे। रेलवे के पास 60 हजार से ज्यादा पैसेंजर कोच उपलब्ध हंै। इसी प्रकार केंद्रीय अस्पताल के अलावा रेलवे के प्रत्येक डिवीजन में अस्पताल हैं। इस तरह कुल मिलाकर 125 अस्पताल रेलवे के पास हैं।

इनमें 70 से ज्याीदा अस्पतालों में 6500 बेड्स को कोरोना से लड़ाई के लिए तैयार किया जा रहा है। रेलवे के पास जितने डाक्टर, नर्स तथा अन्य सहायक चिकित्सा स्टाफ हैं उसे तो कोरोना रोगियों के इलाज में लगाया ही जाएगा। साथ ही जरूरत पड़ने पर प्राइवेट सेक्टर से भी डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की सेवाएं भी अस्थायी तौर पर लेने के अधिकार जोनल महाप्रबंधकों को दिए गए हैं।


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