Move to Jagran APP

डेढ़ साल के बच्चे के इलाज के लिए क्राउडफंडिंग से जुटाए गए 46 करोड़, खरीदी जाएगी दुनिया की सबसे महंगी दवा

क्राउडफंडिंग से मदद जुटाने का काम पांच जुलाई को पूरा हुआ। सात लाख लोगों ने कुल 46.78 करोड़ रुपये जमा कराए हैं। अगले महीने तक उसे 18 करोड़ रुपये से जोलगेंस्मा दवा खरीदी जाएगी जो दुनिया की सबसे महंगी दवा है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 07:53 AM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 07:53 AM (IST)
डेढ़ साल के बच्चे के इलाज के लिए क्राउडफंडिंग से जुटाए गए 46 करोड़, खरीदी जाएगी दुनिया की सबसे महंगी दवा
सात लाख लोगों ने कुल 46.78 करोड़ रुपये जमा कराए हैं।

कन्नूर, प्रेट्र। केरल में डेढ़ साल के मुहम्मद के इलाज के लिए क्राउडफंडिंग के जरिये 46 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं और उसका इलाज हो सकेगा। बच्चे के इलाज के लिए गठित समिति ने यह जानकारी दी है। यह नवजात बच्चा रीढ़ की हड्डी की दुर्लभ बीमारी से ग्रसित है। ट्रीटमेंट कमेटी ने मीडिया को बताया कि 46 करोड़ में से 18 करोड़ रुपये से जोलगेंस्मा दवा खरीदी जाएगी, जो दुनिया की सबसे महंगी दवा है। शेष धनराशि का इस्तेमाल राज्य सरकार के निर्देशानुसार किया जाएगा।

loksabha election banner

बच्चे के लिए क्राउडफंडिंग से मदद जुटाने का काम पांच जुलाई को पूरा हुआ। सात लाख लोगों ने कुल 46.78 करोड़ रुपये जमा कराए हैं। समिति ने कहा कि पीके रफीक और मरियम्मा के बेटे मोहम्मद को अगले महीने तक दवा की खुराक मिल जाएगी। कमेटी ने बताया कि इसमें से कुछ धनराशि का इस्तेमाल मुहम्मद की बहन 15 वर्षीय आफरा के इलाज पर भी खर्च किया जाएगा, जो इसी बीमारी से ग्रसित है और व्हीलचेयर पर आश्रित हो गई है।

विधायक एम विजिनकी अध्यक्षता वाली उपचार समिति ने जनता से मोहम्मद के इलाज के लिए क्राउडफंड की अपील की थी। इस अभियान को सोशल मीडिया ने अपने हाथों में ले लिया, जिसके परिणामस्वरूप दुनिया भर से लगभग सात दिनों के भीतर भारी मात्रा में राशि एकत्र की गई। दवा विदेशों से मंगवाई जाएगी और इसके लिए राज्य सरकार ने खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी है। चिकित्सा विशेषज्ञों का सुझाव है कि बच्चे को दो साल की उम्र तक पहुंचने से पहले दवा की खुराक देनी होगी।

सरकार ने पहले केरल उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की राष्ट्रीय दुर्लभ रोग नीति, 2021 के अनुसार, स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) को समूह 3 में वर्गीकृत किया गया है, जिसके लिए उपचार की लागत बहुत अधिक है। सरकार ने आवश्यक धन जुटाने के लिए एक डिजिटल क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म का लाभ उठाने की सिफारिश की।राज्य में लगभग 102 मरीज एसएमए से पीड़ित हैं, जो एक दुर्लभ आनुवंशिक विकार है, जिनमें से 42 ने दवा कंपनियों द्वारा विस्तारित अनुकंपा उपयोग कार्यक्रम के तहत उपचार प्राप्त किया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.