पंजाब में इस साल 44 फीसद ज्यादा जली पराली, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में शपथपत्र पेश कर दी जानकारी
पराली जलाने का यह ब्योरा केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के बढ़े स्तर को लेकर एक याचिका की सुनवाई के दौरान पेश किया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस मामले शपथ पत्र देने के लिए कहा था।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पराली का जहरीला धुंआ दिल्ली-एनसीआर के लिए भले ही जानलेवा बना हुआ है, लेकिन इसके बाद भी पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं बंद नहीं हो रही हैं। खासकर पंजाब में पराली जलाने के मामले लगातार बढ़ रहे है। अकेले पंजाब में इस साल यानी वर्ष 2020 में पराली जलाने की घटनाओं में 44 फीसद से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। हालांकि इस मामले में हरियाणा से थोड़ी राहत मिली है, जहां पिछले साल के मुकाबले इस साल 25 फीसद तक पराली कम जली है।
पराली जलाने का यह ब्योरा केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के बढ़े स्तर को लेकर एक याचिका की सुनवाई के दौरान पेश किया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस मामले शपथ पत्र देने के लिए कहा था। जिसे केंद्र सरकार की एडिशनल सॉलीसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट के सामने रखा। वहीं वायु प्रदूषण से जुड़े इस मामले की सुनवाई अब जनवरी में होगी। खासबात यह है कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की यह घटनाएं तब रिपोर्ट की गई है, जब केंद्र सरकार ने पराली जलाने को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर रखा है। साथ ही इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख भी काफी सख्त है।
2019 में हरियाणा में पराली जलाने की कुल 6652 घटनाएं रिपोर्ट की गई
केंद्र सरकार की ओर से दिए गए इस शपथ पत्र के मुताबिक पंजाब में वर्ष 2019 में जहां पराली जलाने की कुल 52991 घटनाएं दर्ज हुई थी, वहीं इस साल यानी वर्ष 2020 में 76590 घटनाएं रिपोर्ट की गई। पंजाब रिमोट सें¨सग सेंटर के हवाले से दी गई इस रिपोर्ट में पंजाब के उन जिलों की भी जानकारी दी गई है, जहां सबसे ज्यादा पराली जलाने की घटनाएं हुई हैं। इनमें सबसे शीर्ष पर संगरूर जिला है, जहां कुल 9705 पराली जलाने की घटनाएं रिपोर्ट हुई है। इसके साथ ही बठिंडा, फिरोजपुर, मोंगा और मुक्तसर जिले में बड़े पैमाने पर मामले की रिपोर्ट हुई है। इसके साथ ही हरियाणा में भी पराली जलाने के पांच हजार मामले इस साल रिपोर्ट किए गए हैं। हालांकि पिछले साल यानी 2019 के मुकाबले यह कम थे। हरियाणा स्पेस एप्लीकेशंस सेंटर के हवाले से दी गई जानकारी में बताया गया है कि वर्ष 2019 में हरियाणा में पराली जलाने की कुल 6652 घटनाएं रिपोर्ट की गई थीं, जबकि इस साल कुल पांच हजार घटनाएं ही रिपोर्ट की गई है। इनमें जिन पांच जिलों में सबसे ज्यादा पराली जलाने की घटनाएं सामने आयी हैं, उनमें फतेहाबाद, कैथल, करनाल, जींद, सिरसा शामिल है।