केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता सचिव ने कहा, स्वच्छ भारत कार्यक्रम से आया बड़ा बदलाव
वित्त मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, अय्यर ने मुख्य प्रेजेंटेशन देते हुए कहा कि सरकार के स्वच्छ भारत कार्यक्रम ने स्वच्छता के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान किया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार के स्वच्छ भारत कार्यक्रम से बड़ा बदलाव आया है। इसके तहत बीते साढ़े तीन साल में न सिर्फ 7.5 करोड़ शौचालय बने हैं, बल्कि इससे लोगों के व्यवहार में भी बदलाव आया है। इसी का नतीजा है कि अब तक 385 जिलों को 'खुले में शौच से मुक्त' घोषित किया जा चुका है।
यह बात केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव परमेश्वरन अय्यर ने जल और स्वच्छता पर आयोजित एक सम्मेलन में कही। इस सम्मेलन का आयोजन वित्त मंत्रालय ने किया। एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (एआइआइबी) की जून में मुंबई में बैठक हो रही है। इस बैठक से पहले वित्त मंत्रालय देशभर में आठ सम्मेलनों का आयोजन कर रहा है। इसी कड़ी में सातवां दो दिवसीय सम्मेलन पानी और स्वच्छता पर पुणे में आयोजित किया गया। सम्मेलन में शामिल विशेषज्ञों ने जल और स्वच्छता प्रबंधन के लिए समन्वित और सर्वांगीण रीति अपनाने पर जोर दिया। इसमें केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के सचिव परमेश्वरन अय्यर सहित कई जाने माने विशेषज्ञ मौजूद रहे।
वित्त मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, अय्यर ने मुख्य प्रेजेंटेशन देते हुए कहा कि सरकार के स्वच्छ भारत कार्यक्रम ने स्वच्छता के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान किया है। इस कार्यक्रम से न सिर्फ ढांचागत सुविधाओं का निर्माण हुआ है बल्कि लोगों के व्यवहार में भी बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता कार्यक्रम के कई आर्थिक और स्वास्थ्य लाभ हैं।