नई दिल्ली, पीटीआई। केंद्र सरकार ने नागरिकता कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मंजूर करने के लिए नौ राज्यों के 31 जिलों के जिला मजिस्ट्रेटों को अधिकार दिया गया है। प्रत्येक मामले को जांचने के बाद प्रतिनिधिमंडल को गैर मुस्लिम विदेशी नागरिकों के आवेदनों को त्वरित गति से जिला स्तर पर ही सुलझा लिया जाएगा।
इन नौ राज्यों को इस आधार पर चुना गया
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा को मंगलवार को लिखित जवाब में बताया कि यह 31 जिले छत्तीसगढ़, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली राज्य में हैं। इन नौ राज्यों के जिलों को आवेदकों की आवश्यकता के आधार पर चुना गया है।
पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों जैसे हिंदू सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों के भारतीय नागरिकता लेने के आवेदनों पर फैसला 31 जिलों के कलेक्टर करेंगे। केंद्र सरकार ने इन जिलों के डीएम को यह शक्ति नागरिकता कानून, 1955 (सीएए) की धारा-16 के तहत दी है। इस कानून की धारा पांच के तहत नागरिकता के लिए पंजीकरण होगा और धारा छह के तहत उनका देशीकरण होगा।
वर्ष 2022 में जम्मू और कश्मीर में आतंकी हमलों में 30 नागरिक मारे गए
जम्मू-कश्मीर में पिछले साल 31 जवान, 30 नागरिक मारे गएनित्यानंद राय ने बताया कि वर्ष 2022 में जम्मू और कश्मीर में आतंकी हमलों में 30 नागरिक मारे गए। जबकि सुरक्षा बलों के 31 अधिकारी शहीद हो गए और अन्य 221 घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टालरेंस पालिसी है। जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा के हालात में सुधार हुआ है। इससे पहले, वर्ष 2021 में आतंकी हमलों में 42 जवान और 41 नागरिक मारे गए थे।
सीएपीएफ में कुल 83 हजार से अधिक पद खाली
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री राय ने बताया कि एक जनवरी तक सीआरपीएफ और बीएसएफ समेत केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) में कुल 83 हजार से अधिक पद खाली हैं। इन सशस्त्र बलों की कुल क्षमता 10,15,237 पदों की है। सीआरपीएफ और बीएसएफ के अलावा सीआइएसएफ, आइटीबीपी, सहस्त्र सीमा बल और असम राइफल्स में भी पद खाली हैं। जुलाई 2022 और जनवरी, 2023 के बीच 32,181 पदों पर नियुक्ति हुई है।
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