श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 30 बार गूंजी किलकारियां, एक बच्ची का नाम 'कोरोना कुमारी' रखा गया
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में एक मई से अबतक 30 बच्चों का जन्म हुआ है। रेलवे के मुताबिक ट्रेनों में पैदा हुए सभी बच्चे और उनकी माताएं स्वस्थ हैं। पढ़ें यह दिलचस्प रिपोर्ट...
नई दिल्ली, पीटीआइ/एएनआइ। श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से घर पहुंचने की खुशी के बीच अगर यात्रा के दौरान आपकी बोगी में किसी नवजात की किलकारी सुनाई देने लगे तो मन की प्रसन्नता अपरिमित हो जाती है। एक मई से अबतक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में खुशियों का यह खजाना यात्रियों को एक और दो नहीं बल्कि 30 बार मिला है। स्पेशल ट्रेनों में 30 बार किलकारियां गूंजी हैं और यात्रियों के माथे पर यात्रा की थकान और घर पहुंचने की चिंता खुशियों में तब्दील हो गई है।
समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, 23 वर्षीय संगीता और 27 वर्षीय मधु गर्भ से थीं। पिछले सोमवार को बेंगलुरु से उत्तर प्रदेश स्थित अपने गृह शहर के लिए रवाना हुई संगीता ने ट्रेन में स्वस्थ शिशु को जन्म दिया। इसी प्रकार शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हुई मधु ने झांसी पहुंचने से पहले मधु ने स्वस्थ शिशु को जन्म दिया। स्टेशन पर पहुंचने के बाद उसे तत्काल अस्पातल ले जाया गया।
रेलवे के प्रवक्ता आरडी बाजपेयी ने कहा, 'ट्रेनों में पैदा हुए सभी बच्चे और उनकी माताएं स्वस्थ हैं।' उन्होंने बताया कि ट्रेन में आठ मई को शायद पहला बच्चा पैदा हुआ था। जामनगर से बिहार के लिए चली ममता यादव को प्रसव पीड़ा हुई। देखते ही देखते कोच को लेबर रूम में तब्दील कर दिया गया। ममता ने स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया, जिसका नाम कोरोना कुमारी रख दिया गया। इसी प्रकार अन्य बच्चों के जन्म की भी कहानी दिलचस्प है।
हालांकि श्रमिक ट्रेनों के कुछ वाकए चौंकाने वाले भी रहे हैं। समाचार एजेंसी एएनआइ के ट्वीट के मुताबिक, रविवार यानी 24 मई को एक महिला यात्री को बेंगलूरू नई दिल्ली स्पेशल एक्स (02691 KSR Bengaluru New Delhi Special Express) में आगरा के नजदीक लेबर पेन होना शुरू हुआ। अधिकारियों की मदद से मथुरा में एक डॉक्टर का बंदोबस्त किया गया लेकिन अधिकारी उस वक्त हैरान रह गए जब महिला यात्री ने कोरोना संक्रमण के डर से डॉक्टर से इलाज कराने से ही मना कर दिया।
उल्लेखनीय है कि रेलवे ने प्रवासी मजदूरों को निकालने के लिए रेलवे ने अगले 10 दिनों तक 2600 से ज्यादा श्रमिक ट्रेनें चलाने की योजना बनाई है। इन स्पेशल श्रमिक ट्रेनों से 36 लाख प्रवासी यात्रा करेंगे। यही नहीं बीते एक मई से अब तक करीब 2600 से ज्यादा श्रमिक ट्रेनें विभिन्न राज्यों के लिए चलाई गई हैं जिनके जरिए 26 लाख से ज्यादा यात्रियों को उनके घर पहुंचाया गया है। इन ट्रेनों में 80 फीसदी ट्रेनें अकेले उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए चलाई गई हैं।