3 साल के रूसी बच्चे की चेन्नई में सफल सर्जरी, दो बार आ चुका था हार्ट अटैक
दक्षिण एशिया में पहली बार चेन्नई में हार्ट ट्रांसप्लांट की मुश्किल सर्जरी की गई जिसके बाद 3 साल का रूसी मेहमान स्वस्थ हो गया।
चेन्नई, एएनआइ। दक्षिण एशिया में पहली बार एक मुश्किल हार्ट ट्रांसप्लांट ऑपरेशन किया गया। रूस से आए तीन साल के मासूम बच्चे का यह ऑपरेशन एमजीएम हेल्थकेयर के डॉक्टरों ने सर्जिकल बाइवेंट्रिकुलर हार्ट इंप्लाटेशन' के जरिए किया। बच्चे को अस्पताल आने से पहले दो बार दिल का दौरा आ चुका था। अस्पताल के प्रेस रिलीज में यह जानकारी दी गई।
लेव फेडोरेनको नाम का नन्हा रूसी लड़का हार्ट की एक बीमारी 'रिस्ट्रिक्टिव कार्डियोमायोपैथी' से ग्रस्त था और इस ऑपरेशन के बाद स्वस्थ हो गया। कार्डिएक साइंसेज डॉक्टर के आर बालकृष्णन की टीम द्वारा ऑपरेशन की यह प्रक्रिया 25 मई को पूरी हुई। डॉक्टर बालकृष्णन की इस टीम में डॉक्टर सुरेश राव केजी, डॉक्टर वी श्रीनाथ, कार्डिएक सर्जन डॉक्टर एस गणपति शामिल थे। डॉक्टर बालकृष्णन मेकैनिकल सर्कुलेटरी सपोर्ट प्रोग्राम व कार्डिएक साइंसेज एंड हार्ट एंड लंग ट्रांसप्लांट के डायरेक्टर हैं।
डॉक्टर राव ने बताया, 'तीन साल का मासूम बच्चा गंभीर कार्डियोमायोपैथी से पीड़ित था। अस्पताल आने पहले भी बच्चे को दो बार दिल का दौरा आ चुका है। हमने कार्डियोपल्मोनरी रिसससाइटेशन का इस्तेमाल किया और फिर डॉक्टर को लगा कि बच्चे को पूरी तरह से स्वस्थ करने के लिए एकमात्र उपाय उसके हार्ट को मेकैनिकल पंप का सपोर्ट देना है।' इससे पहले डॉक्टरों ने बच्चे को बर्लिन हार्ट पाइप पर रखा था जो जर्मनी से लाया गया था।
डॉक्टर राव केजी ने आगे बताया, 'हमने पहले व्यस्कों में मेकैनिकल पंपों को इंप्लांट किया है। लेकिन 10 वर्ष की कम आयु के बच्चे के लिए पूरी तरह तैयार पंप उपलब्ध नहीं होते। इसलिए हमारे पास एकमात्र विकल्प बर्लिन पंप ही था। ऐसा पहले कभी भी दक्षिण एशिया में नहीं हुआ था। हमने इसे जर्मनी से मंगवाया। इसके लिए हमने बर्लिन हार्ट कंपनी से संपर्क किया जब पूरी दुनिया में लॉकडाउन था। '