Move to Jagran APP

World Environment Day: रसोइयों और ईंधनों से निकलने वाले धुएं के कारण हर साल 30 लाख मौतें

वैश्विक संकट बन चुके वायु प्रदूषण को रोकने के लिए इस बार की थीम ‘बीट एयर पॉल्यूशन‘ बनाई गई है। इस बार डब्ल्यूईडी की मेजबानी एशियाई देश चीन कर रहा है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 05 Jun 2019 12:59 PM (IST)Updated: Wed, 05 Jun 2019 12:59 PM (IST)
World Environment Day: रसोइयों और ईंधनों से निकलने वाले धुएं के कारण हर साल 30 लाख मौतें
World Environment Day: रसोइयों और ईंधनों से निकलने वाले धुएं के कारण हर साल 30 लाख मौतें

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। 1974 से हर साल विश्व पर्यावरण दिवस (डब्ल्यूईडी) पांच जून को मनाया जा रहा है। वैश्विक संकट बन चुके वायु प्रदूषण को रोकने के लिए इस बार की थीम ‘बीट एयर पॉल्यूशन‘ बनाई गई है। इस बार डब्ल्यूईडी की मेजबानी एशियाई देश चीन कर रहा है।

loksabha election banner

ऐसे हुई मनाने की शुरुआत
1972 में संयुक्त राष्ट्र की ओर से वैश्विक स्तर पर पर्यावरण की चिंता करते हुए विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की नींव रखी गई। इसकी शुरुआत स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में हुई। यहां दुनिया में पहली बार पर्यावरण सम्मेलन आयोजित हुआ, जिसमें 119 देशों ने हिस्सा लिया। दो साल बाद 1974 में ओनली वन अर्थ थीम के साथ पहला विश्व पर्यावरण दिवस आयोजित किया गया।

उद्देश्य
इस वैश्विक कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सामाजिक-राजनीतिक चेतना और वैश्विक सरकारों के माध्यम से पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने के साथ ही प्रकृति और पृथ्वी के संरक्षण को केंद्र में रखते हुए दुनिया के देशों में जागरूकता के स्तर को बढ़ाना था।

वायु प्रदूषण के कारक
सल्फर ऑक्साइड (कोयले और तेल के जलने से), नाइट्रोजन ऑक्साइड, ओजोन, कार्बन मोनोक्साइड आदि कारणों से वायु प्रदूषण फैलता है। कृषि प्रक्रिया से उत्सर्जित अमोनिया इन दिनों सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाली गैस है।

2017 में 50 लाख लोगों की मौत
स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2019 की रिपोर्ट के अनुसार, घर के भीतर या लंबे समय तक बाहरी वायु प्रदूषण से घिरे रहने की वजह से 2017 में स्ट्रोक, शुगर, हर्ट अटैक, फेफड़े के कैंसर या फेफड़े की पुरानी बीमारियों के कारण वैश्विक स्तर पर करीब 50 लाख लोगों की मौत हो गई।

कम हुई जीवन प्रत्याशा
वायु प्रदूषण के बढ़ते खतरे के कारण दक्षिण एशियाई देशों के बच्चों की औसत उम्र में ढाई साल (30 महीने) की कमी आई है जबकि वैश्विक स्तर पर यह आंकड़ा 20 महीने का है।

भारत में वायु प्रदूषण
भारत में वायु प्रदूषण से मौत का आंकड़ा स्वास्थ्य संबंधी कारणों से होने वाली मौत को लेकर तीसरा सबसे खतरनाक कारण है। 2017 में भारत में 12 लाख मौतें वायु प्रदूषण के कारण हुई।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.