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कश्मीर: 10 महीने बाद लेफ्टिनेंट उमर की शहादत का लिया बदला, इंटरनेट सेवा ठप; स्कूल बंद का आदेश

कश्मीर में सेना ने 10 महीने बाद लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की शहादत का लिया बदला। हालात तनावपूर्ण होने के कारण शोपियां, पुलवामा समेत कई जगह इंटरनेट सेवा ठप।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Mon, 02 Apr 2018 09:22 AM (IST)Updated: Mon, 02 Apr 2018 12:10 PM (IST)
कश्मीर: 10 महीने बाद लेफ्टिनेंट उमर की शहादत का लिया बदला, इंटरनेट सेवा ठप; स्कूल बंद का आदेश
कश्मीर: 10 महीने बाद लेफ्टिनेंट उमर की शहादत का लिया बदला, इंटरनेट सेवा ठप; स्कूल बंद का आदेश

श्रीनगर (राज्य ब्यूरो)। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। रविवार को शोपियां और अनंतनाग में हुई तीन मुठभेड़ों में सेना ने 13 आतंकियों को मार गिराया गया है। मारे गए आतंकियों में लगभग 10 महीने पहले शहीद हुए लेफ्टिनेंट उमर फैयाज के दो कातिल रईस व इशफाक भी हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि सेना ने लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की शहादत का बदला ले लिया है। 

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तीन जवान शहीद, चार नागरिकों की मौत

हालांकि इस मुठभेड़ के दौरान तीन सैन्यकर्मी भी शहीद हो गए। क्रॉस फायरिंग की चपेट में आने से चार नागरिकों की मौत हो गई। वहीं, चार मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मुठभेड़ के दौरान हिंसक भीड़ को काबू करने के लिए फायरिंग करनी पड़ी। हिंसक झड़पों में 50 से ज्यादा लोग जख्मी  हुए हैं, जिनमें से छह को गोली लगी है।

इंटरनेट सेवा ठप, शिक्षण संस्थानों में अवकाश घोषित

हालात तनावपूर्ण होते देखते हु प्रशासन ने शोपियां, पुलवामा, अनंतनाग व कुलगाम के विभिन्न हिस्सों में निषेधाज्ञा लागू करने के साथ दक्षिण कश्मीर में इंटरनेट सेवा ठप कर दी है। बनिहाल-श्रीनगर रेल सेवा को अगले आदेश तक स्थगित करने के साथ दो अप्रैल को कश्मीर में शिक्षण संस्थानों में अवकाश घोषित कर दिया गया है।

तीन मुठभेड़ में 13 आतंकी ढेर 

कश्मीर के किसी भीतरी इलाके में एक साथ तीन मुठभेड़ों में 13 आतंकियों के मारे जाने का यह पहला मामला है। सात आतंकी द्रगड़ में और चार कचडूरा में मारे गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि शोपियां के द्रगड़ व कचडूरा में आतंकियों के दो अलग-अलग गुटों के छिपे होने की सूचना पर बीती रात सेना,पुलिस और सीआरपीएफ जवानों ने मिलकर दो अभियान शुरू किए। द्रगड़ में मुठभेड़ रविवार सुबह पांच बजे शुरू होकर सवा नौ बजे तक जारी रही। इसमें मारे गए सभी सात आतंकी स्थानीय हैं। ये वहां कथित तौर पर आइपीएस अधिकारी के निर्माणाधीन मकान में छिपे थे। इसका नाम इनाम उल मेंगनू बताया जाता है। द्रगड़ में ही क्रॉस फायरिंग की चपेट में आने से चार नागरिकों की मौत हो गई। द्रगड़ में मारे गए आतंकियों के नाम जुबैर अहमद तुर्रे, इश्फाक मलिक, रईस ठोकर,यावर इत्तु, नाजिम नजीर डार,आदिल ठोकर और उबैद शफी मल्ला बताए गए हैं। ये सभी शोपियां जिले के ही रहने वाले थे।

उमर के हत्यारे दो नहीं, तीन हैं

चिनार कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एके बट ने कहा कि द्रगड़ में मारे गए सात में से तीन आतंकी लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की हत्या में शामिल थे। ये हर बार बच जाते थे। अब जाकर हमने शहीद फैयाज का बदला ले लिया। 22 साल के लेफ्टिनेंट उमर फैयाज गत वर्ष मई में घर आए थे। उनका घर के बाहर से अपहरण कर लिया गया था। बाद में उनका गोलियों से छलनी शव हरमैन इलाके में मिला था।

तीन दर्जन नागरिकों को सुरक्षित निकाला

कचडूरा में सुबह साढ़े तीन बजे से शाम छह बजे तक जारी रही मुठभेड़ में चार आतंकी मारे गए। तीन मकान भी क्षतिग्रस्त हुए। राज्य पुलिस महानिदेशक डॉ. एसपी वैद ने बताया कचडूरा में आतंकी ठिकाना बने मकानों और साथ सटे अन्य मकानों में से तीन दर्जन लोगों को सुरक्षाबलों ने आतंकियों की फायरिंग के बीच से सुरक्षित निकाला। इसमें आठ सुरक्षाकर्मी जख्मी हुए, जिनमें से तीन ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।

अनंतनाग में एक ढेर, दूसरे का समर्पण

अनंतनाग के एसएसपी अल्ताफ खान ने बताया कि शनिवार आधी रात बाद पता चला कि दियालगाम ब्रिंटी गांव में आतंकी एक मकान में छिपे हैं। ऑपरेशन शुरू करने से पहले उनके परिजनों को साथ लिया और आतंकी ठिकाने की घेराबंदी करते हुए मस्जिद के लाउड स्पीकर से आतंकियों को सरेंडर के लिए बार बार कहा। परिजनों ने भी अपील की। एक आतंकी इमरान हथियार छोड़ बाहर निकल आया। उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इससे बौखलाए आतंकी रऊफ ने गोली चलानी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया। बीते सप्ताह ही आतंकी बनने के बाद सोशल मीडिया पर उसका फोटो वायरल हुआ था।

शोपियां से सोपोर तक हिंसक प्रदर्शन

शोपियां में रविवार सुबह जैसे ही आतंकियों के घेराबंदी में फंसे होने की खबर फैली, तो आतंकी समर्थक तत्वों ने कचडूरा और द्रगड़ पहुंच कर सुरक्षाबलों पर पथराव करते हुए आतंकियों को सुरक्षित भगाने का भी प्रयास किया। हिंसक तत्वों ने उनके हथियार छीनने, वाहनों के आग लगाने के भी प्रयास किए। तब सुरक्षाबलों ने आंसू गैस, पैलेट और हवाई फायरिंग का सहारा लिया। इसमें कई जख्मी हो गए। छह को गोली लगी है। दो दर्जन से ज्यादा पैलेट लगने से घायल हुए हैं।

शहीद और घायल जांबाजों के नाम

कचडूरा में शहीद हुए सैन्यकर्मियों की पहचान सिपाही हैतराम निवासी बीकानेर (राजस्थान), गनर नीलेश सिंह निवासी सुल्तानपुर (उत्तर प्रदेश)और गनर अरविंदर कुमार निवासी होशियारपुर (पंजाब) के रूप में हुई है। द्रगड़ में नायक श्रीकांत और सिपाही हरिओम गोली लगने से जख्मी हुए हैं।


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