28 बरस बाद बेटियों को नसीब हुआ मां का आंचल
संयुक्त अरब अमीरात की दो बेटियों ने 28 वर्षों के बाद आखिरकार अपनी मां को ढूंढ़ निकाला।
हैदराबाद। संयुक्त अरब अमीरात की दो बेटियों ने 28 वर्षों के बाद आखिरकार अपनी मां को ढूंढ़ निकाला।
पुलिस उपायुक्त वी. सत्यनारायण के कार्यालय में जब आयशा राशिद और फातिमा राशिद का मां नाजिया बेगम से मिलन हुआ तो आंसू रोके नहीं रुक रहे थे। हो भी क्यों नहीं, आखिर तीन दशकों के बाद दोनों बहनों को मां का आंचल जो नसीब हुआ था।
पुलिस के महीनों से किए जा रहे प्रयास और आयशा व फातिमा की अथक कोशिशों के बाद पुराने हैदराबाद में गुरुवार को मां-बेटी का मिलन संभव हो सका। आयशा ने कहा, "हम दोनों ने यह कभी नहीं सोचा था कि जीवन में मां से कभी मुलाकात संभव हो सकेगी।
लेकिन, अल्लाह ने मिलन का समय तय कर रखा था। हमलोग 28 साल की लंबी जुदाई के बाद मां से मिलकर बहुत खुश हैं।" नाजिया आज साठ बरस की हो चुकी हैं।
नाजिया का निकाह वर्ष 1981 में संयुक्त अरब अमीरात के नागरिक राशिद ईद ओबैद रिफाक मसमारी से हुआ था। हैदराबाद की नाजिया को यूएई में कई तरह की समस्याएं होने लगीं।
चार साल बाद दोनों के बीच विवाद गहराने पर राशिद ने नाजिया को तलाक देकर वापस भारत भेज दिया। राशिद ने आयशा और फातिमा को सौंपने से इन्कार कर दिया था।
दो साल बाद नाजिया के मां-बाप ने उनकी दूसरी शादी बीदर (कर्नाटक) निवासी एक फल विक्रेता से कर दी। नाजिया को उनसे दो बेटा और एक बेटी है। मां की तलाश में जनवरी में हैदराबाद पहुंची आयशा और फातिमा के पास नाजिया का सिर्फ एक पुराना फोटो था।
पुलिस ने तमाम जद्दोजहद के बाद आखिरकार उनकी मां को ढूंढ़ निकाला। नाजिया को अपने संतान की पहचान के नाम पर सिर्फ इतना याद था कि उनकी छोटी बेटी की छह अंगुलियां हैं। यह सुनिश्चित करने के बाद हैदराबाद पुलिस ने तीनों के मिलने की व्यवस्था की।