कश्मीर सुपर 30 के 28 छात्र आइआइटी और एनआइटी दाखिले में सफल
सेना के 'कश्मीर सुपर 30' की मदद से 28 कश्मीरी छात्रों ने इस साल आइआइटी और एनआइटी में दाखिला पाने में सफलता हासिल की है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। एक तरफ सेना कश्मीर में युवाओं की पत्थरबाजी का सामना कर रही है, वहीं दूसरी तरफ वह वहां के युवाओं को इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की कोचिंग करा रही है। सेना के 'कश्मीर सुपर 30' की मदद से 28 कश्मीरी छात्रों ने इस साल आइआइटी और एनआइटी में दाखिला पाने में सफलता हासिल की है।
सेना की यह परियोजना बिहार के 'सुपर 30' की तरह है जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर और प्रतिभाशाली कश्मीरी छात्रों को कोचिंग उपलब्ध कराई जाती है। इस परियोजना के तहत कुल 40 छात्रों का नामांकन हुआ था। इनमें से 35 लड़कों को श्रीनगर और पांच लड़कियों को दिल्ली-एनसीआर में कोचिंग कराई गई। इनमें से 26 लड़कों और दो लड़कियों ने आइआइटी-जेईई मेंस में सफलता हासिल की। इन 28 छात्रों में से नौ आइआइटी में प्रवेश के लिए सफल हुए हैं। सेना की 'कश्मीर सुपर 30' पहल में सेंटर फॉर सोशल रेस्पांसिबिलिटी एंड लीडरशिप (सीएसआरएल) और पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड (पीएलएल) ट्रेनिंग पार्टनर हैं।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक समारोह में कश्मीर के इन छात्रों का अभिनंदन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इन छात्रों ने उदाहरण पेश किया है जिसका अनुसरण औरों को करना चाहिए। सिंह ने इस संबंध में भारतीय सेना के योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि कश्मीर में सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाएं हैं। हाल ही सिविल सेवा परीक्षा में जम्मू-कश्मीर के 14 छात्रों ने सफलता हासिल की है। सिंह ने कश्मीर छात्रों को मदद के लिए पेट्रोनेट की भी सराहना की।
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने इन छात्रों को संबोधित करने हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में अस्थिरता के चलते ही पीढि़यां बर्बाद हो गई हैं। कश्मीरी छात्र लैपटॉप और किताबों को चुनें। ताकि हिंसा के इस दुष्चक्र को खत्म करने में मदद मिले। उन्होंने कहा कि इन कश्मीरी छात्रों की सफलता कोई आसान उपलब्धि नहीं है। यह युवा छात्र-छात्राएं कश्मीर घाटी के लिए प्रेरणादायी उदाहरण बन गए हैं। उन्होंने कश्मीरी छात्र-छात्राओं से कहा कि वह पढ़ाई पूरी करने के बाद अपनी जड़ों को वापस लौटें और राज्य के विकास में मदद करके वहां के लोगों की मुश्किलों को कम करें।
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