Move to Jagran APP

कश्मीर सुपर 30 के 28 छात्र आइआइटी और एनआइटी दाखिले में सफल

सेना के 'कश्मीर सुपर 30' की मदद से 28 कश्मीरी छात्रों ने इस साल आइआइटी और एनआइटी में दाखिला पाने में सफलता हासिल की है।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Tue, 13 Jun 2017 09:32 PM (IST)Updated: Tue, 13 Jun 2017 09:59 PM (IST)
कश्मीर सुपर 30 के 28 छात्र आइआइटी  और एनआइटी दाखिले में सफल
कश्मीर सुपर 30 के 28 छात्र आइआइटी और एनआइटी दाखिले में सफल

नई दिल्ली, प्रेट्र। एक तरफ सेना कश्मीर में युवाओं की पत्थरबाजी का सामना कर रही है, वहीं दूसरी तरफ वह वहां के युवाओं को इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की कोचिंग करा रही है। सेना के 'कश्मीर सुपर 30' की मदद से 28 कश्मीरी छात्रों ने इस साल आइआइटी और एनआइटी में दाखिला पाने में सफलता हासिल की है।

loksabha election banner

सेना की यह परियोजना बिहार के 'सुपर 30' की तरह है जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर और प्रतिभाशाली कश्मीरी छात्रों को कोचिंग उपलब्ध कराई जाती है। इस परियोजना के तहत कुल 40 छात्रों का नामांकन हुआ था। इनमें से 35 लड़कों को श्रीनगर और पांच लड़कियों को दिल्ली-एनसीआर में कोचिंग कराई गई। इनमें से 26 लड़कों और दो लड़कियों ने आइआइटी-जेईई मेंस में सफलता हासिल की। इन 28 छात्रों में से नौ आइआइटी में प्रवेश के लिए सफल हुए हैं। सेना की 'कश्मीर सुपर 30' पहल में सेंटर फॉर सोशल रेस्पांसिबिलिटी एंड लीडरशिप (सीएसआरएल) और पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड (पीएलएल) ट्रेनिंग पार्टनर हैं।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक समारोह में कश्मीर के इन छात्रों का अभिनंदन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इन छात्रों ने उदाहरण पेश किया है जिसका अनुसरण औरों को करना चाहिए। सिंह ने इस संबंध में भारतीय सेना के योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि कश्मीर में सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाएं हैं। हाल ही सिविल सेवा परीक्षा में जम्मू-कश्मीर के 14 छात्रों ने सफलता हासिल की है। सिंह ने कश्मीर छात्रों को मदद के लिए पेट्रोनेट की भी सराहना की।

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने इन छात्रों को संबोधित करने हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में अस्थिरता के चलते ही पीढि़यां बर्बाद हो गई हैं। कश्मीरी छात्र लैपटॉप और किताबों को चुनें। ताकि हिंसा के इस दुष्चक्र को खत्म करने में मदद मिले। उन्होंने कहा कि इन कश्मीरी छात्रों की सफलता कोई आसान उपलब्धि नहीं है। यह युवा छात्र-छात्राएं कश्मीर घाटी के लिए प्रेरणादायी उदाहरण बन गए हैं। उन्होंने कश्मीरी छात्र-छात्राओं से कहा कि वह पढ़ाई पूरी करने के बाद अपनी जड़ों को वापस लौटें और राज्य के विकास में मदद करके वहां के लोगों की मुश्किलों को कम करें।

यह भी पढ़ेंः क्या इस तरह के बच्चे को नहीं मिलेगा अपने पिता की संपत्ति पर हक़


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.