इतिहास को पन्नों में दुखद घटनाओं के साथ दर्ज है 26 दिसंबर, पढ़ें कब क्या हुआ
26 दिसंबर का दिन इतिहास के पन्नों में दुखद घटनाओं के साथ दर्ज है। जाने इस दिन कहां-कहां झेलनी पड़ी थी लोगों को हाफत।
नई दिल्ली, पीटीआइ। साल 2019 का आखिरी हफ्ता चल रहा है। हालांकि, इतिहास के पन्नों में झांके तो ये दिन दुखद घटनाओं में से दर्ज है। जानकारी के लिए बता दें कि 26 दिसंबर को 2004 को इंडोनेशिया के उत्तरी भाग के पास असेह में भूकंप के बाद सुनामी आई थी। भूकंप की तीव्रता रैक्टर स्कैल पर 8.9 मापी गई थी। भूकंप के बाद आई इस सुनामी ने भारत सहित कई देशों में भारी तबाही मचाई थी। हिंद महासागर में उठी उग्र लहरों ने पानी रात के अंधेरे में कई तटीय इलाकों में बसे रिहायशी क्षेत्रों में भर गया था। दरअसल, उस वक्त तक सुनामी से पहले चेतावनी जारी करने जैसे सुविधाएं नहीं थी।
कई विदेशी पर्यटकों की गई थी जान
इसी वजह से किसी को भी पहले से इस तरह की तबाही का अंदाजा नहीं लग पाया। थाइलैंड और बाकी देशों में समुद्र के पास बने होटलों और रिसॉर्ट में बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटकों की इस समुद्री कहर ने जान ले ली थी। भूकंप और सुनामी से इतनी विनाश पिछले 40 सालों में पुरी दुनिया में नहीं देखा गया था। इसके अलावा भी देश से लेकर विदेश तक 26 दिसंबर को कई घटनाएं घटी थी। जिनका ब्यौरा कुछ इस तरह है:-
1904 : दिल्ली से मुंबई के बीच देश की पहली क्रॉस कंट्री मोटरकार रैली की शुरूआत।
वर्ष 1904 में दिल्ली से मुंबई के बीच देश की पहली क्रॉस कंट्री मोटरकार रैली की शुरुआत हुई थी।
साल 1925 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना इसी दिन की गई थी।
1978 आज की दिन भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को जेल से रिहा किया गया था। दरअसल, 19 दिसंबर को मोरारजी देसाई की सरकार ने इंदिरा गांधी को गिरफ्तार किया था।
ओडिशा के प्रमुख नेता बीजू पटनायक के पुत्र नवीन पटनायक ने वर्ष 1997 में बीजू जनता दल (बीजद) की स्थापना की गई थी।
1925 : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना की गई थी।
1978 : भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को जेल से रिहा किया गया। मोरारजी देसाई की सरकार ने 19 दिसंबर को इंदिरा गांधी को गिरफ्तार किया था।
2003 ईरान के दक्षिणी पूर्वी शहर बाम में भूकंप आया था जिससे जान और माल का भारी नुकसान हुआ था। भूकंप की तीव्रता 6.6 थी।
2012 में चीन की राजधानी बीजिंग से देश के एक अन्य प्रमुख शहर ग्वांग्झू तक बनाए गए दुनिया के सबसे लंबे हाई स्पीड रेलमार्ग की शुरुआत की गई थी।