नेपाल में फंसे 250 और भारतीय यात्रियों को निकाला गया, अभी भी फंसे हैं 993 तीर्थयात्री
तिब्बत सीमा पर स्थित हिलसा में फंसे 1500 से ज्यादा भारतीय तीर्थयात्रियों में से करीब 250 को निकाला गया।
नई दिल्ली (प्रेट्र)। नेपाल के पहाड़ी हिलसा क्षेत्र से 250 से ज्यादा भारतीय तीर्थयात्रियों को निकाल लिया गया है। कैलास मानसरोवर से लौट रहे तीर्थयात्री भारी बारिश के कारण फंसे हुए थे। अधिकारियों ने फंसे हुए लोगों को निकालने का प्रयास तेज कर दिया है। भारतीय दूतावास के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि 336 अन्य भारतीयों को भी सिमिकोट से सुरखेत और नेपालगंज पहुंचाया गया है।
अधिकारी ने कहा, 'हिलसा-सिमिकोट सेक्टर में हेलीकॉप्टरों ने 50 उड़ानों में 250 लोगों को हिलसा से बाहर निकाला है।' बुनियादी संरचना के लिहाज से हिलसा अत्यंत कमजोर है। सिमिकोट में संचार और चिकित्सा सुविधाओं की स्थिति बेहतर है।
अधिकारी ने कहा, 'बुधवार को नेपाली सेना के तीन और एक छोटे चार्टर्ड हेलीकॉप्टर ने 17 उड़ानें भरी। 336 भारतीयों को सिमिकोट से सुरखेत और नेपालगंज लाया गया।' सुरखेत लाए गए लोगों को नेपालगंज तक जाने के लिए बस मुहैया कराई गई। नेपालगंज एक बड़ा शहर है और आधुनिक सुविधाओं से लैस है। यहां से सड़क के जरिये लखनऊ पहुंचने में तीन घंटे लगते हैं।
मंगलवार को तिब्बत सीमा पर स्थित हिलसा में फंसे 1500 से ज्यादा भारतीय तीर्थयात्रियों में से करीब 250 को निकाला गया था। सिमिकोट से 158 से ज्यादा भारतीयों को नेपालगंज पहुंचाया गया था। अब हिलसा में 350 और सिमिकोट में 643 लोग फंसे हैं। एक तीर्थयात्री की सिमिकोट में एक जुलाई को मौत हो गई थी। दूसरे की मौत तिब्बत में सोमवार को हुई। हेलीकॉप्टर से उनके शव काठमांडू और नेपालगंज लाए गए हैं।
बहराइच पहुंचे 354 तीर्थयात्री
नेपाल से 354 तीर्थयात्री भारत पहुंच चुके हैं। बहराइच के कलेक्टर ने सभी तीर्थयात्रियों को जिले के रूपईडीहा में रोक कर उनके दस्तावेजों की जांच की। अब उनके परिवार को सूचित किया जाएगा।
सीतारमण ने कहा, हर संभव सहायता करेगा रक्षा मंत्रालय
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उनका मंत्रालय नेपाल में फंसे 1500 भारतीयों के बचाव में हर संभव सहायता करेगा। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय तीर्थयात्रियों को यथाशीघ्र निकालने में जुटा हुआ है। जब भी आवश्यकता होगी रक्षा मंत्रालय भी मदद मुहैया कराएगा।