जबलपुर की जीआइएफ में बनेगा भारतीय वायुसेना के लिए '250 केजी' बम
रक्षा मंत्रालय के निर्देश पर जीआइएफ के प्लांट नंबर एक व दो में यह नया बम बनाने को लेकर तैयारियां चल रही हैं।
जबलपुर, राज्य ब्यूरो। ऐसे समय पर जब चीन से सीमा पर तनाव कायम है, तब मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित सुरक्षा निर्माणी 'ग्रे आयरन फाउंड्री ' (जीआइएफ) में भारतीय वायुसेना की विशेष मांग पर '250 केजी एचएसएलडी बम' बनाए जाएंगे। निर्माणी प्रशासन ने 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देकर करीब एक साल पहले इस बम का खोल ढाला था, जो सैन्य जांच में सभी पैमानों पर सफल रहे हैं। ऐसे में रक्षा मंत्रालय ने ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) के माध्यम से जीआइएफ को 250 केजी बम के 300 नग बनाने का आदेश दिया है।
एक साल पहले ढाला गया खोल, सैन्य जांच में सभी पैमानों पर सफल
रक्षा मंत्रालय के निर्देश पर जीआइएफ के प्लांट नंबर एक व दो में यह नया बम बनाने को लेकर तैयारियां चल रही हैं। इस निर्माणी में आयुध निर्माणी मुरादनगर (उत्तर प्रदेश) की तर्ज पर सिर्फ 250 केजी एचएसएलडी बम बनाने का अलग प्लांट तैयार करने पर भी विचार किया जा रहा है। इसके साथ ही इस वर्ष सितंबर-अक्टूबर से इन बमों का उत्पादन शुरू करने जीआइएफ प्रशासन पूरे प्रयास कर रहा है। हालांकि, कोरोना संक्रमण के चलते रॉ-मटेरियल (कच्चे माल) की तय समय पर आपूर्ति नहीं होने से बमों का उत्पादन कुछ दिन के लिए टलने की संभावना है।
100-110 केजी से बड़ा बम
जीआइएफ के प्लांट नंबर एक और दो में अभी 100-110 केजी गुणवत्तायुक्त बम बनाने काम होता है। रक्षा मंत्रालय ने इसी निर्माणी को इन बमों से लंबाई व वजन में बड़े बम (250 केजी) के खोल बनाने का उत्पादन लक्ष्य दिया है। जीआइएफ वित्तीय वर्ष 2020-2021 में इन बमों के खोल का उत्पादन करेगी। इसके बाद इन बमों में बारूद भरने का काम आयुध निर्माणी खमरिया (ओएफके) में होगा।
दुश्मनों पर भयंकर वार करेंगे
जीआइएफ में बनने वाला '250 केजी हाइ स्पीड लो ड्रग (एचएसएलडी) बम' को भारतीय वायुसेना के जवान हवा में उड़ते तेजस, सुखोई जैसे लड़ाकू विमानों से दुश्मन सेना पर बरसाएंगे। यह विध्वंसक बम 10 से 30 किलोमीटर की ऊंचाई से युद्ध मैदान और बंकर, बिल्डिंग पर गिरेंगे और दुश्मनों पर भयंकर वार करते हुए उनके हौसलों को नेस्तनाबूद कर देंगे।
बम की लंबाई 93 इंच
श्रमिक नेता बताते हैं कि जीआइएफ में बनाए जाने वाले 250 केजी बम की लंबाई 93 इंच (कुल 237 सेंटीमीटर) होगी। इस विध्वंसक बम का कुल वजन 135 किलोग्राम होगा, जिसमें भरे गए बारूद की मात्रा 110 से 115 किलोग्राम तक होगी।
मध्य प्रदेश के जीआइएफ जबलपुर के पूर्व महाप्रबंधक अतुल गुप्ता ने कहा कि जीआइएफ ने करीब एक साल पहले 250 केजी एचएसएलडी बम का खोल बनाया, जो सैन्य परीक्षण में सफल रहा। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने वायुसेना के लिए तीन सौ नग उत्पादन आदेश दिए हैं। यह निर्माणी अब जल्द से जल्द 250 केजी बम बनाने का काम शुरू करेगी।