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Aarey Forest: सुप्रीम कोर्ट की रोक से पहले ही आरे में कट चुके थे 2,141 पेड़

सर्वोच्च न्यायालय के स्थगन से पहले ही मुंबई की आरे कॉलोनी में 2141 पेड़ काटे जा चुके थे।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 07 Oct 2019 09:13 PM (IST)Updated: Mon, 07 Oct 2019 09:13 PM (IST)
Aarey Forest: सुप्रीम कोर्ट की रोक से पहले ही आरे में कट चुके थे 2,141 पेड़
Aarey Forest: सुप्रीम कोर्ट की रोक से पहले ही आरे में कट चुके थे 2,141 पेड़

राज्य ब्यूरो, मुंबई। सर्वोच्च न्यायालय के स्थगन से पहले ही मुंबई की आरे कॉलोनी में 2,141 पेड़ काटे जा चुके थे। मुंबई मेट्रो रेल कार्पोरेशन (एमएमआरसीएल) का कहना है कि अब और पेड़ काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी और मेट्रो कारशेड – 3 का काम समय पर पूरा कर लिया जाएगा।

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उच्च न्यायालय का आदेश एमएमआरसीएल के पक्ष में आने के बाद शुक्रवार देर शाम पेड़ों की कटाई का काम शुरू हुआ था। इसके बाद से ही कुछ स्वयंसेवी संगठनों द्वारा पेड़ों की कटाई का विरोध किया जा रहा था। उच्चन्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका भी दायर की गई थी। लेकिन सोमवार को जब तक सर्वोच्च न्यायालय कोई फैसला सुनाता, उससे पहले ही मेट्रो कारशेड – 3 के प्रस्तावित निर्माण स्थल पर 2,141 पेड़ काटे जा चुके थे।

मेट्रो प्रशासन का कहना है कि कानूनी अड़चनों के कारण कारशेड निर्माण का काम शुरू होने में पहले ही छह माह की देरी हो चुकी है। लेकिन कोशिश की जाएगी कि यह काम समय पर पूरा कर लिया जाए। एमएमआरसीएल का यह भी कहना है कि वह सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पूरा पालन करेगी, और अब कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा। सिर्फ कटे हुए पेड़ों की सफाई कर जल्दी ही वहां कारशेड निर्माण का काम शुरू कर दिया जाएगा। एमएमआरसीएल की तरफ से यह भी कहा गया है कि इन पेड़ों को काटने से पहले 23,846 पेड़ लगाए जा चुके हैं, और 25000 पौधे वृक्षारोपण के लिए बांटे जा चुके हैं।

दूसरी ओर शुक्रवार को पेड़ों की कटाई का विरोध करने के आरोप में गिरफ्तार सभी लोगों को सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय का आदेश आने के बाद रिहा कर दिया गया। इन्हें रविवार को ही अवकाशकालीन अदालत ने 7000 रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दे दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने भी इन आंदोलनकारियों को रिहा करने के निर्देश दिए थे। इनमें 24 पुरुष आंदोलनकारियों को ठाणे सेंट्रल जेल में रखा गया था, जबकि पांच महिलाओं को भायखला स्थित महिला जेल में।

मुंबई पुलिस का कहना है कि 16 वर्ग किलोमीटर में फैली आरे मिल्क कॉलोनी से धारा 144 अभी भी हटाई नहीं गई है। सिर्फ इसमें कुछ ढील दी गई है। ताकि इसके अंदर रहनेवाले लोग बाहर आ-जा सकें। सोमवार को आरे से संबंधित सर्वोच्च न्यायालय का स्थगन आदेश आने के बाद शिवसेना ने इसे आंदोलनकारियों और शिवसेना की जीत बताया। बता दें कि सरकार में शामिल रहने के बावजूद शिवसेना आरे मिल्क कॉलोनी में पेड़ों की कटाई का विरोध करती आ रही है। 


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