2008 Assam Bomb Blast case: दोषियों को सीबीआइ की विशेष अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई
2008 Assam Bomb Blast case में विशेष सीबीआइ अदालत ने रंजन दैमारी समेत 10 लोगों को उम्र कैद की सुनाई है।
गुवाहाटी, प्रेट्र। 2008 Assam Serial Bomb Blast case, असम ब्लास्ट मामले में विशेष सीबीआइ अदालत ने नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) प्रमुख रंजन दैमारी समेत 10 लोगों को उम्र कैद की सुनाई है। 2008 में हुए सीरियल ब्लास्ट में 88 लोगों की मौत हुई थी।
अदालत परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच विशेष सीबीआइ जज अपरेश चक्रवर्ती ने सजा का एलान किया। दैमारी के अलावा जॉर्ज बोडो, बी थराई, राजू सरकार, अंचई बोडो, इंद्रा ब्रह्मा, लोको बासुमतारी, खड़गेश्वर बासुमतारी, अजय बासुमतारी और राजेन गोयारी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। तीन दोषियों प्रभात बोडो, जयंती बासुमतारी और मथुरा ब्रह्मा पर अदालत ने जुर्माना लगाया है। जुर्माना भरने के बाद इनकी रिहाई होगी। जबकि, निलिम दैमारी और मृदुल गोयारी को अदालत ने रिहा करने का आदेश दिया, क्योंकि इन्होंने अपनी सजा के बराबर पहले ही कैद काट ली है।
असम के गुवाहाटी, कोकराझार, बारपेटा और बोगाइगांव जिले में 30 अक्टूबर, 2008 को सिलसिलेवार ढंग से हुए नौ धमाकों में 88लोगों की मौत हुई थी और 540 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। पुलिस से जांच को अपने हाथ में लेने के बाद सीबीआइ ने 22 लोगों को आरोपी बनाया था, जिनमें से 15 आरोपी गिरफ्तार किए गए थे। सात अभी तक फरार हैं। सोमवार को अदालत ने दैमारी और अन्य 14 लोगों को इस मामले में दोषी ठहराया था। इस मामले में सिर्फ रंजन दैमारी ही जमानत पर जेल से बाहर था। सजा सुनाए जाने के बाद उसकी जमानत रद हो गई और उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। बाकि 14 लोग न्यायिक हिरासत में जेल में ही थे।