लापरवाही से हुई ब्लास्ट आरोपी की मौत
सीरियल ब्लास्ट के आरोपी खालिद मुजाहिद की मौत के कारणों पर जिला कारागार अधीक्षक दधिराम मौर्या के पत्र से नये सवाल खड़े हो गए हैं। कारागार अधीक्षक के एक पत्र में दावा किया गया है कि जिस दिन खालिद को पेशी पर ले जाया गया उस दिन उसकी तबीयत खराब थी, लेकिन जेल के डॉक्टरों ने गंभीरता से नहीं लिया।
लखनऊ, [अजय शुक्ला]। सीरियल ब्लास्ट के आरोपी खालिद मुजाहिद की मौत के कारणों पर जिला कारागार अधीक्षक दधिराम मौर्या के पत्र से नये सवाल खड़े हो गए हैं। कारागार अधीक्षक के एक पत्र में दावा किया गया है कि जिस दिन खालिद को पेशी पर ले जाया गया उस दिन उसकी तबीयत खराब थी, लेकिन जेल के डॉक्टरों ने गंभीरता से नहीं लिया।
लखनऊ जिला कारागार में निरुद्ध खालिद की गत 18 मई को फैजाबाद में पेशी से लौटते वक्त बाराबंकी में मौत हो गई थी। खालिद की साजिशन हत्या का आरोप लगने के बाद उत्तर प्रदेश में राजनीतिक तूफान उठ खड़ा हुआ। न्यायिक जांच के साथ सीबीआइ जांच की संस्तुति की गई थी। करीब 40 पुलिस अफसरों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया। लखनऊ जिला कारागार अधीक्षक ने सात जून को महानिरीक्षक [कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं] को भेजे पत्र में लिखा है कि डॉ. प्रदीप बिजलानी द्वारा खालिद को दिनांक 18 मई को प्रात: चिकित्सीय परीक्षण करने के उपरांत अभिलेख में बाई तरफ सीने में दर्द अंकित किया गया। इसे गंभीरता से नहीं लिया गया और न ही बंदी को अदालत पेशी पर जाने से रोका गया। इस संबंध में सूचना कारागार प्रशासन को नहीं दी गई।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर