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Naroda Patiya Case: चारों दोषियों को मिली जमानत, SC ने कहा- बहस की गुंजाइश है

2002 Naroda Patiya case, गुजरात के नरोदा पाटिया केस में चारों अभियुक्तों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने चारों को जमानत दे दी है।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 10:35 AM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 10:35 AM (IST)
Naroda Patiya Case: चारों दोषियों को मिली जमानत, SC ने कहा- बहस की गुंजाइश है
Naroda Patiya Case: चारों दोषियों को मिली जमानत, SC ने कहा- बहस की गुंजाइश है

नई दिल्ली, एएनआइ। गुजरात के नरोदा पाटिया केस में चारों अभियुक्तों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने चारों को जमानत दे दी है। उमेशभाई भारवाड़, राजकुमार, हर्षद और प्रकाशभाई राठौड़ 2002 के नरोदा पाटिया दंगा मामले में दोषी हैं। इन सभी को आगजनी और हिंसा फैलाने के चलते सजा सुनाई गई है।

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नरोदा पाटिया केस गुजरात दंगों से जुड़ा हुआ है। 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद के नरोदा पाटिया इलाके में उग्र भीड़ ने अल्पसंख्यक समुदाय के करीब 97 लोगों की हत्या कर दी थी। इस मामले में पिछले साल गुजरात हाई कोर्ट ने बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी को दोषी करार दिया था, जबकि सबूतों के अभाव में पूर्व भाजपा मंत्री माया कोडनानी को बड़ी राहत देते हुए बरी कर दिया था।

अब इस केस से जुड़े चार दोषियों को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंगलवार को जमानत दे दी है। इसके साथ ही पीठ ने कहा कि उनको दोषी करार दिए जाने पर संदेह है। पीठ का कहना है कि इस मामले में अभी बहस की गुंजाइश है, इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया गया। बता दें कि इन सभी दोषियों को आइपीसी की धारा 436 (घर को नष्ट करने के इरादे से आग लगाना या विस्फोट करना) के तहत दोषी ठहराया गया था।

क्या है नोरदा पाटिया दंगा मामला

  • यह साल 2002 में गुजरात में हुए गोधरा कांड से जुड़ा मामला है।
  • 27 फरवरी, 2002 के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन को जला दिया गया था।
  • इस ट्रेन में अयोध्या से बड़ी तादाद में कारसेवक अहमदाबाद जाने के लिए सवार हुए थे।
  • गोधरा कांड में 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी।
  • इस घटना के बाद विश्व हिंदू परिषद ने 28 फरवरी, 2002 को बंद का आह्वान किया था।
  • इस दौरान गुजरात में हिंसा भड़क उठी।
  • नरोदा पटिया इलाके में भी हिंसा की घटना देखने को मिली, जहां उग्र भीड़ ने अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर हमला पर 97 लोगों की हत्या कर दी।

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