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    Red fort Attack Case: सुप्रीम कोर्ट से मोहम्मद आरिफ को बड़ा झटका, मौत की सजा बरकरार

    By Jagran NewsEdited By: Tilakraj
    Updated: Thu, 03 Nov 2022 12:06 PM (IST)

    2000 Red Fort Blast Case सुप्रीम कोर्ट ने साल 2000 के लाल किला हमले के मामले में दी गई मौत की सजा को बरकरार रखा है। निचली अदालत ने मोहम्‍मद आरिफ को दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई थी।

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    मोहम्मद आरिफ उर्फ ​​अशफाक की पुनर्विचार याचिका खारिज

    नई दिल्‍ली, एएनआइ। Red Fort Attack Case News: सुप्रीम कोर्ट ने साल 2000 के लाल किला हमले के मामले में दी गई मौत की सजा को बरकरार रखते हुए शीर्ष अदालत के पहले के आदेश को चुनौती देने वाली लश्कर ए तैयबा आतंकी और पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद आरिफ उर्फ ​​अशफाक की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी। बता दें कि आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा द्वारा किए गए हमले में दो सैनिकों समेत 3 लोगों की जान गई थी।

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    लाल किले पर हुए हमले में गई थी 3 लोगों की जान

    लाल किले पर 22 दिसंबर 2000 को आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-E-Taiba) ने हमला किया था। इस हमले में दो सैनिकों समेत 3 लोग की जान गई थी। हमले के बाद भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में लाल किला में घुसपैठ करने वाले 2 आतंकवादी भी मारे गए थे। इस मामले में 31 अक्टूबर 2005 को निचली अदालत ने मोहम्‍मद आरिफ को दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई थी।

    मोहम्‍मद आरिफ को सुप्रीम कोर्ट से एक बार फिर झटका

    मोहम्‍मद आरिफ ने साल निचली अदालत से मौत की सजा मिलने के बाद 2013 में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने आरिफ की फांसी की सजा को बरकरार रखते हुए पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने आरिफ की क्यूरेटिव याचिका भी खारिज कर दी थी। अब फिर सुप्रीम कोर्ट ने दोषी की सजा को लेकर दायर की गई पुनर्विचार याचिका को भी खारिज कर दिया है।

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    सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में साल 2015 में एक ऐतिहासिक कदम उठाया था। दरअसल, इससे पहले पुनर्विचार याचिका की सुनवाई न्यायधीश अपने चैम्बर में करते थे। 2015 में याकूब मेमन और मोहम्‍मद आरिफ की याचिका ओपन कोर्ट में सुनी।

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