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कोट लखपत में 20 भारतीय कैदियों की दिमागी हालत खराब

नई दिल्ली। शहीद सरबजीत सिंह की हत्या से सुर्खियों में आए लाहौर के कोट लखपत जेल में बंद अन्य भारतीय कैदी से भी अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। मानवाधिकार के उल्लंघन के लिए कुख्यात इस जेल में बंद 36 भारतीय कैदियों में से बीस की दिमागी हालत ठीक नहीं है। जेल के दौरे के बाद भारत-पाकिस्तान न्यायिक समिति इस निष्कर्ष पर

By Edited By: Published: Sun, 05 May 2013 09:12 PM (IST)Updated: Mon, 06 May 2013 07:16 AM (IST)
कोट लखपत में 20 भारतीय कैदियों की दिमागी हालत खराब

नई दिल्ली। शहीद सरबजीत सिंह की हत्या से सुर्खियों में आए लाहौर के कोट लखपत जेल में बंद अन्य भारतीय कैदी से भी अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। मानवाधिकार के उल्लंघन के लिए कुख्यात इस जेल में बंद 36 भारतीय कैदियों में से बीस की दिमागी हालत ठीक नहीं है। जेल के दौरे के बाद भारत-पाकिस्तान न्यायिक समिति इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि लगातार प्रताड़ना के चलते इन भारतीय कैदियों का मानसिक संतुलन गड़बड़ा गया है। जेल प्रशासन इनके इलाज का कोई इंतजाम नहीं कर रहा है।

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दोनों देशों के कैदियों के कल्याणार्थ गठित न्यायिक समिति ने हाल ही में लाहौर स्थित कोट लखपत के अलावा रावलपिंडी के अदियाला और कराची के मलीर जेल का दौरा किया था। समिति ने कोट लखपत को दौरा उस समय किया था, जब जेल में सरबजीत सिंह पर जानलेवा हमला हो चुका है और वह जिन्ना अस्पताल में जिंदगी की अंतिम सांसे गिन रहे थे। समिति ने पाया कि कोट लखपत में बंद बीस भारतीय कैदियों की दिमागी हालत बेहद खराब है और इतना होने के बावजूद उनके इलाज का पाकिस्तान द्वारा कोई इंतजाम नहीं किया जा रहा है। समिति के अनुसार, अदियाला में दो और मलीर जेल में बंद एक भारतीय कैदी भी मानसिक तौर पर बीमार है।

समिति ने पाकिस्तान से सिफारिश की है कि वह दिमागी रूप से बीमार कैदियों के इलाज का समुचित प्रबंध करे और हर हाल में उनके मानवाधिकार का संरक्षण करे। द्विपक्षीय समझौते के तहत 2007 में गठित भारत-पाकिस्तान न्यायिक समिति के पांच सदस्य हैं। इनमें भारत की ओर से अवकाश प्राप्त न्यायाधीश एएस गिल और न्यायमूर्ति एएम खान सदस्य हैं। जबकि न्यायमूर्ति अब्दुल कादिर चौधरी, न्यायमूर्ति नसीर आलम जाहिद और न्यायमूर्ति मियां मुहम्मद अजमल समिति में पाकिस्तान की ओर से मनोनीत किए गए हैं। पाकिस्तान की जेलों में भारत के कुल 535 नागरिक बंद हैं। इनमें से 11 बच्चों समेत 483 मछुआरे हैं। समिति के दौरे के समय कोट लखपत में बंद सभी 36 भारतीय कैदियों को समिति के समक्ष पेश किया गया था। इसी प्रकार अदियाला और मलीर जेल में बंद आठ-आठ भारतीय कैदियों की पेशी भी समिति के समक्ष हुई थी।

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