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बीस दिन पहले हुई थी शीर्ष एजेंसियों की मीटिंग, SFJ की प्लान पर हुई थी चर्चा; लाल किले की घटना का था अंदेशा

जनवरी के पहले सप्ताह में ही स्पेशल डायरेक्टर इंटेलीजेंस ब्यूरो की अध्यक्षता में पहली उच्चस्तरीय कोऑर्डिनेशन मीटिंग की गई थी। इसमें प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (SJF) द्वारा लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराने की मंशा का जिक्र भी हुआ और इसे रोकने के इंतजामों पर चर्चा की गई।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 28 Jan 2021 11:46 AM (IST)Updated: Thu, 28 Jan 2021 01:14 PM (IST)
बीस दिन पहले हुई थी शीर्ष एजेंसियों की  मीटिंग, SFJ की प्लान पर हुई थी चर्चा; लाल किले की घटना का था अंदेशा
20 दिन पहले ही बन गया था पूरा प्लान

 नई दिल्ली, एएनआइ। 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा को इंटेलीजेंस की असफलता बताई जा रही है और इसके खिलाफ आवाजें उठ रहीं हैं। हालांकि सूत्रों का कहना है कि जनवरी के पहले सप्ताह में ही स्पेशल डायरेक्टर इंटेलीजेंस ब्यूरो की अध्यक्षता में पहली उच्चस्तरीय कोऑर्डिनेशन मीटिंग की गई थी। इसमें प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) द्वारा लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराने की मंशा का जिक्र भी हुआ और इसे रोकने के इंतजामों पर चर्चा की गई। इस बैठक में RAW, SPG, दिल्ली पुलिस के 8 शीर्ष अधिकारी, इंटेलीजेंस ब्यूरो के 12 अधिकारियों के अलावा हरियाणा पुलिस के भी वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए थे। 

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इस मीटिंग के मिनट यानि इसमे उपस्थित लोगों की सूची, उठाए गए मुद्दे, संबंधित प्रतिक्रियाएं और मुद्दों को हल करने के लिए किए गए अंतिम फैसलों की जानकारी RAW, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली के पुलिस प्रमुखों को दी गई। मीटिंग में अधिकारियों ने यह भी बताया था कि गणतंत्र दिवस को हर साल ब्लैक डे के तौर पर देखने वाले सिख इस बार प्रदर्शन कर रहे किसानों के पास मौजूद हैं। 

भारत में प्रतिबंधित संगठन SFJ ने कहा था कि सरकार की ओर से किसानों के ट्रैक्टर रैली को अनुमति दी जानी चाहिए वरना गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में हिंसा होगी तो इसकी जिम्मेदार सरकार होगी। अमेरिका में बनाए गए इस संगठन की शुरुआत वर्ष 2007 में हुई थी और इसका मुख्य उद्देश्य पंजाब में अलग से खालिस्तान बनाने का है।  केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संगठन पर राष्ट्रविरोधी कैंपेन चलाने का आरोप लगाया और UAPA एक्ट के तहत वर्ष 2019 में इसपर प्रतिबंध लगा दिया। खालिस्तानी संगठन SFJ विदेश में बैठ कर कट्टरपंथी गतिविधियों का संचालन करता है। संगठन ने पहले ही लालकिला पर झंडा फहराने वाले को ढाई लाख अमेरिकी डॉलर और 1 फरवरी को संसद पर खालिस्तानी झंडा फहराने के लिए साढ़े तीन लाख डॉलर देने का एलान किया था। 

दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के एक दिन बाद कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान  यूनियनों ने 1 फरवरी को संसद तक प्रस्तावित अपनी रैली टाल दी। सूत्रों ने दावा किया कि  बैठक में यह भी चर्चा हुई थी की 20 से 27 जनवरी तक लाल किला को बंद किया जाएगा और इसके लिए दिल्ली पुलिस से विचार मांगी गई थी। 26 जनवरी को दोपहर 12 बजे के आसपास एजेंसियों को यह खबर मिली की ट्रैक्टर रैली निकाल रहे किसान पीएम आवास, गृह मंत्री आवास, राजपथ, इंडिया गेट और लाल किले की तरफ भी बढ़ सकते हैं। यह संदेश दिल्ली की सुरक्षा में लगे सभी पुलिस अधिकारियों को मिला था। पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने बताया कि ट्रैक्टर रैली के दौरान भड़की हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने अभी तक इस मामले में 19 लोगों को गिरफ्तार किया है और 25 आपराधिक मामले दर्ज किए हैं। प्रदर्शनकारियों बैरिकेड तोड़कर दिल्ली में घुसे और कई इलाकों में हिंसा हुई। 26 जनवरी को हुए हिंसा में दर्ज किए गए प्राथमिकी में दिल्ली पुलिस ने पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू का नाम लिया। प्रदर्शनकारियों द्वारा उपद्रव के तहत अनेकों सार्वजनिक व निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया। 


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