सज्जन कुमार पर चलेगा सिख दंगे का मुकदमा
सुल्तानपुरी क्षेत्र में 1
नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन कुमार को झटका देते हुए उनके खिलाफ हत्या और हिंसा भड़काने का मामला चलाने की मंजूरी दे दी।
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उल्लेखनीय है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने 24 मई को कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। याचिका में निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी। निचली अदालत ने 1984 के सिख विरोधी दंगे में उनके खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था। यह मामला सुल्तानपुरी इलाके में छह लोगों की हत्या से संबंधित है। न्यायमूर्ति सुरेश कैट ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा था। हाई कोर्ट को 29 अप्रैल को अपना आदेश सुनाना था, लेकिन मामले में और सुनवाई की दरकार जताते हुए अदालत ने फैसला टाल दिया था।
सज्जन कुमार ने निचली अदालत के जुलाई 2010 के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें अदालत ने कुमार समेत पांच अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था। सभी पर 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के दंगे के दौरान छह लोगों की हत्या करने का आरोप है।
इस मामले में कांग्रेस नेता ब्रह्मानंद गुप्ता, पेरू कौशल सिंह और वेद प्रकाश पिआल पर दंगा, हत्या और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने समेत कई अन्य आरोप हैं। सच्जन कुमार और मामले के दो अन्य सह आरोपी पिआल उर्फ वेदु प्रधान एवं गुप्ता ने 2010 में ही उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
मामले की शिकायतकर्ता शीला कौर ने उच्च न्यायालय में प्रति याचिका दायर कर सच्जन कुमार एवं अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश का भी आरोप लगाने की मांग की थी। उन्होंने सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप लगाने को चुनौती देने वाली याचिका का भी विरोध किया।
हाल ही में कड़कड़डूमा अदालत ने दंगे के दौरान दिल्ली छावनी इलाके में पांच लोगों की हत्या के मामले में सज्जन कुमार को बरी कर दिया था।
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