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त्रिपुरा में गिरफ्तार हुए 18 रोहिंग्‍या, अवैध तरीके से घुसपैठ का आरोप

म्‍यांमार से अवैध तरीके से बांग्‍लादेश के जरिए त्रिपुरा आने वाले रोहिंग्‍याओं को तेलिआमुरा में गिरफ्तार कर लिया गया।

By Monika MinalEdited By: Published: Fri, 20 Apr 2018 01:47 PM (IST)Updated: Fri, 20 Apr 2018 01:47 PM (IST)
त्रिपुरा में गिरफ्तार हुए 18 रोहिंग्‍या, अवैध तरीके से घुसपैठ का आरोप
त्रिपुरा में गिरफ्तार हुए 18 रोहिंग्‍या, अवैध तरीके से घुसपैठ का आरोप

अगरतला (एएनआई)। देश में अवैध तरीके से घुसने के कारण त्रिपुरा के खोवाई जिले में तीन बच्‍चों और चार महिलाओं समेत 18 रोहिंग्‍या शरणार्थियों को त्रिपुरा में गिरफ्तार किया गया। प्राप्‍त जानकारी के आधार पर म्‍यांमार से अवैध तरीके से बांग्‍लादेश के जरिए त्रिपुरा आने वाले रोहिंग्‍याओं को तेलिआमुरा में गिरफ्तार कर लिया गया।

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पुलिस के अनुसार, राज्‍य में घुसे रोहिंग्‍या नौकरी पाने के लिए दिल्‍ली जाने की कोशिश कर रहे थे। त्रिपुरा पुलिस के सब-इंस्‍पेक्‍टर रंजीत देबनाथ ने बताया, ‘वास्‍तव में उनके पास यह खबर थी कि मुस्‍लिम समुदाय के कुछ लोग हो सकता है ये रोहिंग्‍या हों जो बाहर से आ रहे थे। बस में गुवाहाटी जाने के दौरान हमने बस को रोका।‘

पुलिस ने आगे बताया कि सर्च के दौरान हमें चार बच्‍चों के साथ 11 पुरुष, तीन महिलाएं मिलीं जो म्‍यांमार के थे। उनमें से 6 के पास पहचान पत्र (UNHCR) थे लेकिन शेष अपना पहचान पत्र दिखाने में असफल रहे। पहचान पत्रों के जरिए यह खुलासा हुआ कि ये सब म्‍यांमार के नागरिक हैं और भारत में शरण लिया है। उनकी गतिविधि संदिग्‍ध थी और इसलिए हमने उनसे पूछताछ की।

गिरफ्तार हुए एक रोहिंग्‍या सैफुल्‍ला ने कहा, 'मैं यहां अपनी बहन के साथ हूं और 6 माह पहले मैं भारत आया था। यहां मैं दिल्‍ली में रुका हुआ हूं। वैसे हम म्‍यांमार से हैं और यहां काम की खोज में आए हैं। हम 8-10 दिन पहले अगरतला पहुंचे लेकिन ये जानकारी नहीं कि कौन सी सीमा से हम दाखिल हुए थे।'

यहां से 170 किमी की दूरी पर इस साल 6 रोहिंग्‍या शरणार्थियों को उत्‍तर त्रिपुरा के धर्मानगर रेलवे स्‍टेशन से गिरफ्तार किया गया था। म्‍यांमार में रहने वाले अल्‍पसंख्‍यक मुस्‍लिम रोहिंग्‍या समुदाय के 6,70,000 से अधिक सदस्‍यों को गिरफ्तार कर लिया गया था। ये पिछले साल अगस्‍त में म्‍यांमार के रखाइन प्रांत से निकलकर बांग्‍लादेश व भारत आ गए थे। हालांकि संयुक्‍त राष्‍ट्र व कई देश मिलकर इन्‍हें वापस अपने देश म्‍यांमार में स्‍थापित करने के लिए प्रयासरत हैं। 


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