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उड़ी: आत्मघाती हमले में 17 जवान शहीद, गृहमंत्री बोले-पाकिस्तान है आतंकी देश

जम्मू-कश्मीर के उड़ी स्थित सेना मुख्यालय पर हुए आत्मघाती हमले में 17 जवान शहीद हो गए हैं जबकि सेना ने सभी चार आतंकियों को मार गिराया गया है।

By Manish NegiEdited By: Published: Sun, 18 Sep 2016 06:38 AM (IST)Updated: Sun, 18 Sep 2016 07:29 PM (IST)
उड़ी: आत्मघाती हमले में 17 जवान शहीद, गृहमंत्री बोले-पाकिस्तान है आतंकी देश

कश्मीर, प्रेट्र। पठानकोट हमले के करीब आठ माह बाद जम्मू-कश्मीर के उड़ी सेक्टर में आतंकियों द्वारा सेना मुख्यालय पर किए गए आत्मघाती हमले में 17 जवान भी शहीद हो गए हैं। इस हमले के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद कहा कि पाकिस्तान एक आतंकी देश है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की इस तरह के हरकतों से निराशा हुई है।

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गृहमंत्री ने कहा कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि हमलावरों को खास प्रशिक्षण दिया गया था। अब पाकिस्तान को अलग-थलग करने का समय आ चुका है। शहीद हुए इन जवानों की मौत सेना द्वारा आतंकियों को खत्म करने के लिए फेंके गए बम से वहां अस्थाई तौर पर जवानों के लिए लगाए गए टैंटों में आग लगने की वजह से हुई है।

इस हमले में शामिल सभी चार आतंकियों का मार गिराया गया है। इस हमले में 18 जवान घायल भी हुुए हैं। हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों की संख्या के बारे में अभी कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल सकी है। सेना फिलहाल सर्च ऑपरेशन में जुटी है। आशंका है कि कुछ और आतंकी आसपास मौजूद हो सकते हैं।

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श्रीनगर रवाना हुए रक्षा मंत्री

रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर और आर्मी चीफ मौके श्रीनगर में हैं। गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर के सभी एयरपोर्ट को लेकर अलर्ट भी जारी किया है। रक्षा विशेषज्ञ एसआर सिन्हा का कहना है कि अब वक्त आ गया है कि जब भारत को इस तरह के हमले और पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाना चाहिए। उन्होंने साफताैर पर कहा कि सरकार को एक प्रैक्टिकल एप्रोच अपनाने की जरूरत है।

उड़ी में हुए इस आतंकी मुठभेड़ पर जम्मू-कश्मीर के उप-मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने कहा कि ये सब पाक की निंदनीय हरकतें हैं। पाक कश्मीर में समस्या पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, आतंकी, अलगाववादियों की मिलीभगत कश्मीर को अशांत करने की कोशिश कर रहा है। निर्मल सिंह ने कहा कि आतंकी हमलों से साफ है कि भारत के खिलाफ पाकिस्तान साजिश रच रहा है

गृहमंत्री के आवास पर हुई उच्च स्तरीय बैठक

उड़ी के सेना मुख्यालय पर हुए हमले के मद्देनजर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर रविवार को उच्च स्तरीय बैठक खत्म हुई। इसमें सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा कुछ अन्य मंत्री भी शामिल हुए। उन्होंने केंद्रीय गृह सचिव को भी इस बारे मेंं दिशा निर्देश दिए हैं। इस मुद्दे पर गृहमंत्री ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से भी चर्चा की है। इससे पूर्व उन्होंने राज्य की सीएम महबूबा मुफ्ती और राज्यपाल से भी घटना की जानकारी ली है। इस मुद्दे पर गृहमंत्री ने पीएम से भी विचार-विमर्श किया है। इस बीच गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रूस और अमेरिकी दौरे को स्थगित कर दिया है।

यूएन महासभा से पहले हुआ आतंकी हमला

यह हमला उस वक्त हुआ है जब संयुक्त राष्ट्र महासभा के 71वें सत्र की शुरुआत होने वाली है। 19 सितंबर से शुरू हो रहे इस सत्र में दुनिया के करीब 195 देशों के नेता संगठन के न्यूयॉर्क स्थित मुख्यालय पहुंच रहे हैं। इस सत्र के दौरान पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर के मुद्दे का एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीयकरण करने की बात की है। इसके लिए पाक पीएम नवाज शरीफ ने न्यूयार्क जाने से पहले कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के प्रतितिधियों से भी विस्तृत चर्चा की थी। भारत ने भी इस सत्र के दौरान पाकिस्तान को पटखनी देने की तैयारी पूरी कर ली है। पाकिस्तान जहां कश्मीर के मुद्दे पर भारत को घेरने की फिराक में है वहीं भारत पाकिस्तान को बलूचिस्तान के मुद्दे पर घेरने की रणनीति पर काम कर रहा है।

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जवानों को किया गया है एयरड्रॉप

यह आतंकी हमला सुबह साढ़े पांच बजे हुआ उस वक्त हुआ जब ज्यादातर जवान सो रहे थे। बताया जा रहा है कि आर्मी हेडक्वॉर्टर में तीन से चार आतंकी छिपे थे, जिन्हें ढेर करने में सेना को कामयाबी हासिल हुई। इन आतंकियों से मुकाबला करने के लिए सेना के विशेष दस्ते को वहां पर हेलीकॉप्टर से भी उतारा गया था। हमले के तुरंत बाद सेना के जवानों ने मोर्चा संभाल लिया है। उड़ी सेक्टर जम्मू-कश्मीर के बारामुला जिले में आता है। जानकारी के मुताबिक, उत्तरी कश्मीर में एलओसी के पास स्थित 12 वीं ब्रिगेड के आर्मी हेडक्वार्टर से फायरिंग की आवाज आ रही थीं।

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कश्मीर में घुसे 30 आतंकी

शनिवार को आइजी बीएसएफ कश्मीर विकास चंद्रा ने बताया कि कश्मीर घाटी में बीते 70 दिनों में करीब 30 आतंकी नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ करने के बाद भीतरी इलाकों में दाखिल होने में कामयाब रहे हैं। यह पहला अवसर है जब किसी वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने वादी में आतंकियों की सुरक्षित घुसपैठ की पुष्टि की हो। आइजी बीएसएफ ने कहा कि कश्मीर में गत आठ जुलाई को आतंकी बुरहान की मौत के बाद पैदा हालात के दौरान एलओसी के पार से 25-30 आतंकी सुरक्षित घुसपैठ करने में सफल रहे हैं। कश्मीर में जब इस तरह के हालात रहते हैं तो पाकिस्तान के इशारे पर सक्रिय रहने वाले आतंकियों का ज्यादा से ज्यादा संख्या में कश्मीर में घुसपैठ का प्रयास रहता है। इसमें पाकिस्तानी सेना भी सहयोग करती है।

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एक हफ्ते पहले पुंछ में मुठभेड़

इसके पहले 10-11 सितंबर को पुंछ में अल्लाहपीर इलाके में सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस दौरान एक पुलिस कांस्टेबल शहीद हो गए, जबकि एक सब इंस्पेक्टर और एक नागरिक घायल हुए हैं। पुंछ के अलावा नौगाम सेक्टर में भी मुठभेड़ हुई, जिसमें घुसपैठ की कोशिश कर रहे 7 आतंकियों को सेना ने मार गिराया. उनके पास से हथियार भी बरामद किए गए थे।


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