जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों में मारे गए 166% अधिक नागरिक, सरकार उठा रही ये कदम
1990 में घाटी में आतंकवाद के बीच पनपने के बाद 31 दिसंबर, 2017 तक कुल 13,976 नागरिकों ने जान गंवाई। कुल 5,123 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए।
नई दिल्ली [जेएनएन]। जम्मू-कश्मीर में हो रहे लगातार आतंकी हमलों में वहां के नागरिकों को जान गंवानी पड़ रही है। गृह मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक आतंकी वारदातों में 2016 की तुलना में 2017 में 166.66 फीसद अधिक नागरिकों की जान गई।
इस दौरान आतंकी घटनाएं भी बढ़ी और पहले से कहीं ज्यादा आतंकियों को भारतीय जवानों ने मार गिराया। 1990 से 31 दिसंबर, 2017 तक जम्मू-कश्मीर में आंतकी घटनाओं के चलते कुल 13,976 नागरिकों की जान गई और 5,123 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए।
सरकार उठा रही ठोस कदम
-राज्य सरकार के साथ मिलकर केंद्र सरकार ने सीमावर्ती बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा व नियंत्रण रेखा पर बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था जैसे कदम उठाए हैं।
-सरकार की कोशिश है कि सभी सुरक्षा बलों को अनुमति दी जाए कि वे आतंकी गतिविधियों से देश को सळ्रक्षित रखने के लिए उपयुक्त कदम उठा सकें।
-सरकार घाटी में शांति बहाली भी सुनिश्चित कर रही है। साथ ही हिंसा से दूर रहने वाले सभी वर्गों के लोगों को मुख्यधारा से जुड़ने के पर्याप्त अवसर दिए जा रहे हैं।
-केंद्र इस बात का खास ध्यान रख रहा है कि राज्य में लोकतांत्रिक प्रक्रिया सुचारू रूप से चलती रहे। साथ ही लंबे समय से आतंकवाद से जूझ रहे लोगों की सामाजिक-आर्थिक समस्याओं के समाधान के लिए स्थानीय प्रशासन तत्पर रहे।
बड़ी क्षति
1990 में घाटी में आतंकवाद के बीच पनपने के बाद 31 दिसंबर, 2017 तक कुल 13,976 नागरिकों ने जान गंवाई। कुल 5,123 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए।