नक्सलियों के कब्जे से तीसरे दिन भी मुक्त नहीं हुए 16 ग्रामीण, डरे हुए हैं गांववासी
शुक्रवार की सुबह बैलाडीला पहाड़ी के नीचे हिरोली इलाके में नक्सलियों ने इस जन अदालत के बाद चार लोगों की हत्या कर दी थी।
बीजापुर, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के गंगालूर थाना क्षेत्र के पुसनार गांव के निकट कंगारू कोर्ट (जन अदालत) से अगवा किए गए 16 ग्रामीण तीसरे दिन भी मुक्त नहीं हो सके। बता दें कि शुक्रवार की सुबह बैलाडीला पहाड़ी के नीचे हिरोली इलाके में नक्सलियों ने इस जन अदालत के बाद चार लोगों की हत्या कर दी थी। बीजापुर के एसपी कमलोचन कश्यप ने बताया कि तीन शवों को लेने गई पुलिस को रविवार शाम खाली हाथ लौटना पड़ा है। डरे हुए ग्रामीणों ने शवों को दफना दिया है।
कंगारू कोर्ट में शुक्रवार को पिता के सामने ही कर दी थी बेटे की हत्या
वहीं, शनिवार शाम लाया गया सन्नू पूनेम का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया। नक्सलियों ने सन्नू की उनके पिता लांचा के सामने ही रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी थी। जानकारी के अनुसार, शुक्रवार की सुबह बैलाडीला पहाड़ी के नीचे हिरोली इलाके में नक्सलियों ने जन अदालत लगाकर मेटापाल व पुसनार गांव के लोगों को बुलाया था। जनअदालत से नक्सली करीब 20 लोगों को उठाकर ले गए थे। इसमें लांचा और उसके बेटे सन्नू पूनेम भी शामिल थे।
हथियारबंद नक्सलियों ने सभी के चेहरे को कपड़े से ढक दिया था और उनके हाथ पीछे की ओर बांध दिए थे। सन्नू पूनेम की रस्सी से गला दबाकर हत्या के बाद नक्सलियों ने उसके पिता लांचा को छोड़ दिया। उनके हाथ पर रस्सी बांधने के निशान अभी भी हैं। बताया जा रहा है कि अब भी करीब 16 लोग नक्सलियों के कब्जे में हैं। जन अदालत में एक दर्जन युवतियों समेत 70 से 80 आधुनिक हथियारों से लैस नक्सलियों के होने की बात सामने आ रही है।
वारदात के बाद से गांव खौफजदा
पुसनार और मेटापाल गांव में नक्सली वारदात के बाद से खौफ पसरा है। लोग कुछ भी नहीं बोल रहे हैं। सुबह गंगालूर से पुलिस फोर्स पुसनार गांव की ओर शव लाने पहुंची, लेकिन ग्रामीणों ने तीनों शवों को देने से मना कर दिया। वह तीनों की मौत को सामान्य बताते रहे हैं। पुसनार रोड को नक्सलियों ने कई स्थानों पर काट दिया था। इससे आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।