मॉक वोटिंग में फिर फेल हुए कुछ सांसद, अमित शाह ने किया सतर्क
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने यह ताकीद भी कर दिया गया कि सतर्क रहें। राष्ट्रपति चुनाव में 22 वोट अमान्य हो गए थे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। शनिवार को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले भाजपा ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि राष्ट्रपति चुनाव की तरह यहां एक भी वोट व्यर्थ न जाए। हालांकि चूक हो ही गई। बताते हैं कि शुक्रवार को मॉक वोटिंग में लगभग एक दर्जन सांसदों ने अमान्य वोट डाले। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने यह ताकीद भी कर दिया गया कि सतर्क रहें। राष्ट्रपति चुनाव में 22 वोट अमान्य हो गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संक्षिप्त संदेश मे जहां अगले पांच साल में देश को नई दिशा देने के लिए जुटने की अपील की। वहीं भावी उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने हाथ जोड़कर कहा- अब मैं सबका हूं।
शनिवार भाजपा के जीवनकाल में अहम दिन है। दरअसल बतौर उपराष्ट्रपति वेंकैया के चुनाव के साथ ही सभी शीर्ष संवैधानिक पदों पर भाजपा के नेता मौजूद होंगे। प्रधानमंत्री ने इसका जिक्र भी कर दिया और कहा यह पहला मौका होगा जब एक ही कुनबे में पले बढ़े लोग आगे खड़े हैं। शुक्रवार की शाम जहां शनिवार की वोंिटग का रिहर्सल था वहीं एक तरह से वेंकैया की विदाई भी थी। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए भाजपा महासचिव भूपेंद्र यादव ने प्रजेंटेशन दिया। फिर मॉक वोटिंग हुई। लेकिन गलती हो गई। बाद में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुआ। प्रधानमंत्री पहुंचे तो राजग घटकदलों के नेताओं को बोलने का अवसर मिला।
दरअसल वह वेंकैया के प्रति नेताओं का उदगार था। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी वेंकैया के प्रति अपने विचार रखे। वेंकैया ने भी अपने जीवन के संस्करण सुनाए। और मोदी काल में भाजपा के विकास की प्रशंसा भी की। अंत में प्रधानमंत्री ने संबोधन किया तो वेंकैया के वाक चातुर्य की भी बात की और यह भी मजाकिया लहजे में यह संदेश भी दे दिया कि उन्हें उसी तेवर में आना होगा जिसके लिए वह जाने जाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा- आजकल वेंकैया जी हाथ जोड़कर चलने लगे थे, लेकिन आठ दस दिनों में यह ठीक हो जाएगा। शायद उनका संकेत राज्यसभा की कार्यवाही की ओर था जो पिछले दिनों में काफी बाधित रहा है।
प्रधानमंत्री ने 2022 को भारत के इतिहास में अहम पड़ाव करार देते हुए कहा कि हर किसी भी बड़ी जिम्मेदारी है वह देश को उंचाई पर ले जाए। उन्होंने संसद की गरिमा को उपर उठाने की भी अपील की। खासतौर से राज्यसभा की गरिमा को लेकर वह चिंतित दिखे और कहा कि इसे देश की सवा सौ करोड़ की जनता के पथ प्रदर्शक के रूप में काम करना चाहिए।
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