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ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बनेंगे सेना के लिए 156 उन्नत टैंक, रक्षा मंत्रालय ने दिया 1,094 करोड़ का ऑर्डर

रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defense) ने सरकारी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड को 1094 करोड़ रुपये में 156 इंफैंट्री कांबैट व्हीकल्स (टैंकों) की आपूर्ति करने का ऑर्डर दिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2020 11:16 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 03:56 AM (IST)
ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बनेंगे सेना के लिए 156 उन्नत टैंक, रक्षा मंत्रालय ने दिया 1,094 करोड़ का ऑर्डर
ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बनेंगे सेना के लिए 156 उन्नत टैंक, रक्षा मंत्रालय ने दिया 1,094 करोड़ का ऑर्डर

नई दिल्ली, पीटीआइ। रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को सरकारी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड को 1,094 करोड़ रुपये में 156 इंफैंट्री कांबैट व्हीकल्स (टैंकों) की आपूर्ति करने का ऑर्डर दिया है। तेलंगाना में मेडक स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में इन उन्नत फीचर वाले व्हीकल्स का उत्पादन किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि इन व्हीकल्स को 2023 तक सेना में शामिल करने की योजना है। ये वजन में हल्के होंगे जिसकी वजह से युद्धक्षेत्र में उनकी मोबिलिटी अधिक होगी। 

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इनकी अधिकतम रफ्तार 65 किमी प्रति घंटे तक होगी। इस खरीद से मैकेनाइज्ड इंफैंट्री बटालियन के अभावों को दूर किया जा सकेगा और सेना की युद्धक क्षमता में इजाफा होगा। केंद्र सरकार ने मंगलवार को बताया कि रक्षा उत्पादन और निर्यात प्रोत्साहन नीति का मसौदा महीने भर में जारी किए जाने की संभावना है। इससे 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम को काफी बढ़ावा मिलेगा।

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित वेबिनार में रक्षा उत्पादन सचिव राज कुमार ने कहा, 'हम रक्षा उत्पादन और निर्यात प्रोत्साहन नीति का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया में हैं और उम्मीद है कि एक महीने के भीतर हम उसे आपके फीडबैक और टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक कर पाएंगे। इसमें वित्त मंत्री द्वारा 16 मई को की गई घोषणाओं के सभी पहलुओं का समावेश होगा।' वेबिनार में विभिन्न रक्षा कंपनियों ने भी हिस्सा लिया। 

राज कुमार ने कहा कि स्वदेशीकरण, मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने और आयातित वस्तुओं का विकल्प तलाशने के अलावा इस नीति में सभी और ऐसी कई अन्य चीजें होंगी। उन्होंने कहा, 'विचार यह है कि स्वदेशीकरण की प्रक्रिया में इस बात की संभावना है कि निवेश को उचित न ठहराया जा सके। किसी तरह की कैपिटल सब्सिडी की जरूरत हो सकती है। हम इस पहलू पर विचार कर रहे हैं। नीति सार्वजनिक होने पर हम आपका फीडबैक और विचार जानेंगे।'

वर्तमान में घरेलू रक्षा उद्योग का आकार 12 अरब अमेरिकी डॉलर का है। इसमें 80 फीसद हिस्सेदारी सार्वजनिक क्षेत्र की रक्षा इकाइयों की है जबकि 20 फीसद हिस्सेदारी निजी क्षेत्र की है। रक्षा उत्पादन सचिव ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि 2025 तक घरेलू रक्षा उद्योग का टर्नओवर 25 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। यह तभी हो सकता है यदि हम आयातों को घटाने का गंभीर प्रयास करें। शुरुआत आयात की नकारात्मक सूची, रीयलिस्टिक जनरल स्टाफ सर्विस क्वालिटी रिक्वायरमेंट्स और घरेलू खरीद के लिए पर्याप्त बजटीय सहायता उपलब्ध कराने से होगी।'


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