ऑपरेशन संकटमोचन खत्म, 156 भारतीय सुरक्षित दिल्ली पहुंचे
द. सूडान से निकाले गए 156 भारतीयों को निकाल लिया गया है। तिरुअनंतपुरम में कुछ देर रुकने के बाद वो दिल्ली पहुंच गए।
नई दिल्ली, प्रेट्र । दक्षिण सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए शुरु हुअा 'ऑपरेशन संकटमोचन' खत्म हो गया। 156 भारतीयों को लेकर सुबह पांच बजे विमान तिरुअनंतपुरम एयरपोर्ट पर पहुंचा। वहां से सुबह 10 बजे ये विमान नई दिल्ली पहुंच गया। केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने दिल्ली एयरपोर्ट सूडान में फंसे सभी भारतीय नागरिकों का स्वागत किया।
इससे पहले गुरुवार को 156 से अधिक नागरिकों को राजधानी जुबा से सुरक्षित निकाल लिया। वायुसेना द्वारा भेजे गए दो विमानों में ये लोग स्वदेश लौटे। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्विट कर कहा कि ऑपरेशन संकट मोचन पूरा हो गया। उन्होंने संकट मोचन अभियान के लिए IAF के अधिकारियों का आभार जताया।
इस बीच, विदेश मंत्रालय में पंजीयन कराने के बावजूद बहुत सारे भारतीयों ने वापस लौटने से इन्कार कर दिया। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा ट्विटर के जरिये की गई अपील का भी उन पर कोई असर नहीं हुआ। इसके बाद स्वराज ने फिर ट्वीट किया कि हालात और खराब होने पर आपको निकाल पाना हमारे लिए संभव नहीं होगा। सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर कहा था कि दोनों विमान कंपाला से उड़ान भर चुके हैं। हम लोग खतरे वालों इलाके से बाहर आ चुके हैं।I appreciate my MEA officers, Indian Ambassador to South Sudan and his team for their meticulous work. /5
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) July 15, 2016
ऑपरेशन संकटमोचन खत्म, भारतीय सुरक्षित दिल्ली पहुंचे, देखें तस्वीरें
इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने पत्रकारों को बताया कि जो भारतीय सूडान छोड़ना चाहते हैं, उन सबको वापस लाना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि स्वराज खुद पूरी प्रक्रिया की अगुवाई कर रही हैं। वापसी अभियान का लगातार जायजा लेते रहने के लिए उन्होंने एक उच्चस्तरीय कार्यबल का भी गठन किया है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, लगभग छह सौ भारतीय दक्षिण सूडान में फंसे हुए हैं। इनमें से तीन सौ लोगों ने वापस आने के लिए निबंधन कराया था।Both our air crafts have taken off from Kampala. We are out of the conflict zone. #SankatMochan : EAM Sushma Swaraj
— ANI (@ANI_news) July 14, 2016
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बताया कि नई दिल्ली से लोगों को हवाई सेवा और रेल सेवा के जरिए गंतव्य तक पहुंचाया जाएगा।
Indian Railways and Air India will facilitate their onward journey./3
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) July 14, 2016
जुबा में वी के सिंह
भारतीयों को निकालने के अभियान की निगरानी के लिए विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह जुबा पहुंच गए हैं। जुबा पहुंचते ही उन्होंने दक्षिण सूडान के विदेश मंत्री डेंग आलोर कुओल से मुलाकात की। वे उपराष्ट्रपति जेम्स वानी इग्गा से भी मिले।
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नस्ली हिंसा में बड़े पैमाने पर जानमाल की क्षतिबताया जाता है कि 600 में से 300 भारतीयों ने वापस लौटने के लिए अपना पंजीकरण कराया था। सूत्रों के मुताबिक इन 300 में से भी बहुत से लौटने के बारे में दोबारा सोच रहे हैं। राजधानी में 450 भारतीय हैं जबकि 150 देश के अलग-अलग हिस्सों में रहते हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय पहले ही भारतीयों को आगाह कर चुका है कि यहां रहना खतरे से खाली नहीं। वहां जारी नस्ली हिंसा में बड़े पैमाने पर जानमाल की क्षति हुई है।
हालात बिगड़ने पर वतन वापसी में होगी परेशानी
विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह खुद बचाव दल की अगुवाई कर रहे हैं। दल में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज लगातार अपने ट्वीट्स के जरिए लोगों से लौट आने की अपील कर रहीं है। उनका कहना है कि अगर हालत बदतर हुए तो फिर भारतीयों को निकालना संभव नहीं होगा।