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छत्तीसगढ़ में आयकर छापेमारी में 150 करोड़ की अघोषित संपत्ति मिली

आयकर विभाग ईडी और अन्य एजेंसियों ने विश्वस्त इनपुट के आधार पर रायपुर में 28 फरवरी को एक साथ 25 ठिकानों पर कार्रवाई शुरू की थी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2020 12:03 AM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2020 07:21 AM (IST)
छत्तीसगढ़ में आयकर छापेमारी में 150 करोड़ की अघोषित संपत्ति मिली
छत्तीसगढ़ में आयकर छापेमारी में 150 करोड़ की अघोषित संपत्ति मिली

रायपुर, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ में अब तक की सबसे बड़ी आयकर छापेमारी में 150 करोड़ रुपये से ज्यादा की अघोषित संपत्ति मिली है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) ने सोमवार को एक बयान जारी करके बताया कि छत्तीसगढ़ में ब्यूरोक्रेट्स, हवाला कारोबारी और शराब कारोबारियों पर हुई छापेमारी में अब तक मिले दस्तावेज के आधार पर यह अघोषित संपत्ति मिली है। आगे की जांच में यह आंकड़ा बढ़ने का अनुमान बताया गया है।

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आयकर विभाग, ईडी और अन्य एजेंसियों ने एक साथ 25 ठिकानों पर कार्रवाई की थी

आयकर विभाग, ईडी और अन्य एजेंसियों ने विश्वस्त इनपुट के आधार पर रायपुर में 28 फरवरी को एक साथ 25 ठिकानों पर कार्रवाई शुरू की थी। आयकर की जांच पूर्व मुख्य सचिव व छत्तीसगढ़ के रेरा के चेयरमैन विवेक ढांड, प्रमुख सचिव अनिल टुटेजा, उनकी पत्‍‌नी मीनाक्षी टुटेजा, आबकारी विभाग के ओएसडी एपी त्रिपाठी, मुख्यमंत्री सचिवालय की उपसचिव सौम्या चौरसिया, रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर, उनके भाई अनवर ढेबर, कारोबारी गुरुचरण होरा, कमलेश जैन, सीए अजय सिंघवानी, संजय संचेती, आबकारी ठेकेदार संजय दीवान, शराब ठेके पर मैनपावर सप्लाई करने वाले सिद्धार्थ सिंघानिया और विकास अग्रवाल के ठिकानों पर की गई। शराब और माइनिंग कारोबारियों से बड़ी मात्रा में नगद राशि भी जब्त की गई है।

सभी ठिकानों से बड़ी मात्रा में जमीन, दस्तावेज और नगदी जब्त- सीबीडीटी

सीबीडीटी की अधिकारिक प्रवक्ता सुरभि अहलूवालिया ने बताया कि नोटबंदी के दौरान बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई। इसके साथ ही फर्जी कंपनी के माध्यम से करोड़ों की हेराफेरी की गई। सभी ठिकानों से बड़ी मात्रा में जमीन और अन्य के दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और नगदी जब्त की गई है। शराब, माइनिंग और रीयल एस्टेट कारोबारियों ने हर महीने करोड़ों का अवैध फंड अधिकारियों को दिया। जांच में इस बात की भी पुष्टि हुई है कि बेहिसाब बिक्री, बेनामी वाहनों और हवाला के माध्यम से करोड़ों की हेराफेरी की गई। जांच में कुछ अन्य परिसरों को बढ़ाया जा सकता है।

कोलकाता की फर्जी कंपनी में निवेश

आयकर की जांच में यह जानकारी भी मिली है कि अधिकारियों और कारोबारियों ने कर्मचारियों के नाम पर कई बैंक खाते खोले और उसमें करोड़ों का लेनदेन किया। कर्मचारियों के नाम पर सैकड़ों की संख्या में खाते मिलें हैं। कोलकाता की फर्जी कंपनी में निवेश और लैंड बैंक की जानकारी भी मिली है। बैंक लॉकर और अन्य की जांच जारी है।


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