हिंदी सिनेमा के 'पितामह' को Google के डूडल की श्रद्धांजलि, जानिए दादा साहेब फाल्के से जुड़ी खास बातें
हिंदी सिनेमा के जनक दादा साहेब फाल्के की 148वीं जयंती पर गूगल ने डूडल बनाकर दी श्रद्धांजलि।
नई दिल्ली (जेएनएन)। हिंदी सिनेमा के जनक या कहे फिल्म उद्योग के 'पितामह' दादा साहेब फाल्के की आज 148वीं जयंती है। इस अवसर पर गूगल ने डूडल बनाकर दादा साहेब को श्रद्धाजंलि दी है। फाल्के भारतीय फिल्मों के पहले निर्माता, निर्देशक और स्क्रिप्टराइटर थे। उन्होंने अपने 19 साल के करियर के दौरान 95 फिल्में और 27 शॉर्ट फिल्म बनाई थीं। दादा साहेब की पहली फिल्म 'राजा हरिशचंद्र' थी। यह भारत की पहली फीचर फिल्म है। इसके बाद उन्होंने मोहिनी भस्मासुर, सत्यवान सावित्री और कालिया मर्दन जैसी कई यादकार फिल्में बनाईं।
बतौर फोटोग्राफर शुरू किया था करियर
दादा साहेब का पूरा नाम धुंडिराज गोविन्द फाल्के हैं। उनका जन्म 20 अप्रैल 1870 को महाराष्ट्र के त्र्यम्बकेश्वर (नासिक से 30 किमी.दूर) में हुआ था। उनके पिता एक जाने-माने विद्वान थे। दादासाहेब ने साल 1885 में मुंबई के जेजे स्कूल ऑफ आर्ट से पढ़ाई की थी। इसके बाद उन्होंने वडोदरा के महाराजा सैयाजीराव यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा के कला भवन से मूर्तिकला, इंजीनियरिंग, चित्रकारी, चित्रकला और फोटोग्राफी की पढ़ाई की थी। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने गोधरा में फोटोग्राफर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी लेकिन बूबोनिक प्लेग की वजह से उन्हें अपनी पहली पत्नी और बच्चे को खोना पड़ा।
1912 में बनाई पहली फिल्म
दादा साहेब ने अपनी प्रिटिंग प्रेस भी शुरू की। उससे पहले उन्होंने पेंटर राजा रवि वर्मा के साथ भी काम किया। हालांकि साइलेंट फिल्म 'द लाइफ ऑफ क्रिस्ट' देखने के बाद उनकी जिंदगी बदल गई। दरअसल, इस फिल्म को देखने के बाद उन्होंने फिल्में बनाना शुरू किया और उन्होंने 1912 में अपनी पहली फिल्म 'राजा हरीशचंद्र' बनाई
दादा साहेब से जुड़ी खास बातें
- दादा साहब फाल्के ने सबसे पहले राजा हरिशचंद्र नाम की फिल्म बनाई
- दादा साहब फाल्के के नाम पर भारत में सिनेमा जगत की हस्तियों को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया जाता है
- 1969 में पहला अवॉर्ड अभिनेत्री देविका रानी को दिया गया था
- दादा साहेब फाल्के ने अपने 19 साल के फिल्म कॅरियर में 95 फिल्म और 26 शॉर्ट फिल्में बनाईं।