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तब्लीगी जमात फंडिंग में 14 लोग जांच एजेंसियों के रडार पर, वित्तीय नियमों के उल्लंघन का संदेह

दस्तावेज बताते हैं कि कम से कम 14 ऐसे प्रमुख लोग हैं जिन्होंने तब्लीगी जमात के बैंक खातों में ट्रांजेक्शन पर पर्दा डालने के लिए वित्तीय प्रणाली का इस्तेमाल किया। पढ़ें यह रिपोर्ट..

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 02 May 2020 08:58 PM (IST)Updated: Sat, 02 May 2020 10:59 PM (IST)
तब्लीगी जमात फंडिंग में 14 लोग जांच एजेंसियों के रडार पर, वित्तीय नियमों के उल्लंघन का संदेह
तब्लीगी जमात फंडिंग में 14 लोग जांच एजेंसियों के रडार पर, वित्तीय नियमों के उल्लंघन का संदेह

नई दिल्ली, आइएएनएस। जांच एजेंसियां यह तथ्य उजागर कर चुकी हैं कि तब्लीगी जमात के बैंक खातों में विदेश और देश में रहने वाले लोग बड़ी धनराशि ट्रांसफर करते रहे हैं। इतनी बड़ी धनराशियों के स्त्रोत और उसके उपयोग को बेहद शातिर तरीके से छिपाने की वजह से तब्लीगी जमात भारत में अपनी गतिविधियों का विस्तार करने में सफल रही है। आइएएनएस के पास मौजूद दस्तावेज बताते हैं कि कम से कम 14 ऐसे प्रमुख लोग हैं जिन्होंने इन ट्रांजेक्शन पर पर्दा डालने के लिए नियमित तौर पर वित्तीय प्रणाली का इस्तेमाल किया। इनमें से कुछ विदेश में रहते हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा और आयकर विभाग उन बैंक खातों की जांच कर रहे हैं जिन्हें तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद और उनके सहयोगी संचालित करते हैं। एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि उक्त लोगों द्वारा किए गए लेनदेन में कहीं बैंकिंग और वित्तीय प्रणाली के नियमों का उल्लंघन तो नहीं किया गया है। क्योंकि कई मामलों में एक खाते में आई धनराशि को 24 घंटों के भीतर दूसरे खाते में ट्रांसफर कर दिया गया था।

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नूर की भूमिका पर है एजेंसियों की नजर 

एक वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी ने बताया, 'ऐसे ट्रांसफर संदेह पैदा करते हैं क्योंकि वित्तीय प्रणाली में आने के बाद जमात की धनराशि को स्त्रोत से अलग-थलग करने और ट्रांसफर पर पर्दा डालने के लिए कई हिस्सों में बांट दिया जाता था। धनराशि को एक खाते से दूसरे खाते में जल्दी-जल्दी ट्रांसफर करना उसे वैधानिक दिखाने की कोशिश लगती है। हम हवाला लेनदेन की भी जांच कर रहे हैं।' दरअसल, मरकज का पूरा वित्तीय नेटवर्क पूरी तरह सुचारू तंत्र की तरह काम कर रहा था। यद्यपि सभी प्रमुख लोग मौलाना साद से जुड़े हुए थे, लेकिन उनकी जिम्मेदारियां और संपर्क सतर्कतापूर्वक बिल्कुल अलग-अलग किए गए थे जिनका साद से सीधा लेनादेना नहीं था। मसलन, जांच एजेंसियों ने नूर नामक एक व्यक्ति की भूमिका उजागर की है जो कथित तौर पर जमात का हवाला एजेंट है। हालांकि वह मौलाना साद से नहीं बल्कि अब्दुल आलिम नामक व्यक्ति से संपर्क करता था जो कथित तौर पर जमात के खातों की देखरेख और उसके लिए विदेशी मुद्रा विनिमय का काम देखता था। नूर दरअसल मौलाना साद के लिए फ्रंट के तौर पर काम करता था, अन्य संपर्क की मौजूदगी से उनकी प्रत्यक्ष संलिप्तता छिप जाती थी।

बचने के लिए नकद लेनदेन

अब्दुल आलिम ने इस श्रृंखला में जमात की विभिन्न गतिविधियों में धन का निवेश करने के लिए एक अन्य प्रमुख व्यक्ति अब्दुल रहीम का इस्तेमाल किया। उक्त अधिकारी ने बताया कि मरकज के धन और गतिविधियों की देखरेख करने वाले मौलाना साद के पुत्र और रिश्तेदारों के एक अन्य संदिग्ध रफतुल्लाह शाहिद के साथ संपर्क का भी पता चला है। रफतुल्लाह मरकज का धन विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करता था, उसकी वसीम नामक व्यक्ति से काफी बातचीत होती थी। वसीम संदिग्ध रूप से ट्रैवल एजेंट है जो जमात के लोगों के लिए वीजा और पासपोर्ट मुहैया करवाता है। वसीम से मौलाना साद सीधे संपर्क करता है और एजेंसियों को संदेह है कि उसके साथ लेनदेन ज्यादातर नकद होता है ताकि वह पकड़ में नहीं आए। इसने दोनों के बीच पैसे के औपचारिक लेनदेन का पता लगाने में जांचकर्ताओं की मुश्किलें बढ़ा दीं।

श्रीलंका और कनाडा में भी संपर्क

ईडी श्रीलंका से जमात के खातों में मुफ्ती रिजवी नामक व्यक्ति द्वारा ट्रांसफर किए गए धन का विवरण भी जुटा रही है। रिजवी से भी मौलाना साद सीधे संपर्क करता है और जमात के वित्तीय नेटवर्क में किसी अन्य व्यक्ति से उसका संपर्क नहीं है। साद के परिवार से सीधे तौर पर जुड़ा एक अन्य व्यक्ति असलम कनाडा में रहता है। उसके विदेश में कथित तौर पर कई कारोबार हैं। जांच एजेंसियों ने असलम के खातों से साद के खातों में लेनदेन का पता लगाया है और इसके विवरण जुटा रही हैं। वे यह पता लगाने में जुटी हैं कि असलम कहीं भारत में मरकज की गतिविधियों का वित्तपोषण करने वाला सबसे अहम स्त्रोत तो नहीं है।

साद ने विदेश में किया निवेश

जमात प्रमुख ने कथित रूप से कुछ धन का विदेश में निवेश किया है। अधिकारियों के मुताबिक, मुर्सलीन नाम व्यक्ति के जरिये किया गया यह निवेश कथित रूप से निजी लाभ के लिए किया गया है। मुर्सलीन के भी विदेश में कई कारोबार हैं। हारून नामक एक और व्यक्ति भी साद के परिवार से सीधे तौर पर जुड़ा है और प्रारंभिक जांच के मुताबिक वह पूर्व सोवियत देशों से आने वाले लोगों के लिए वीजा और पासपोर्ट का प्रबंध करता है। हारून के पास रूस का भी पासपोर्ट है और वह दो अन्य व्यक्तियों इनाम और मुश्ताक से जुड़ा है। वह मरकज की गतिविधियों के सिलसिले में अक्सर विदेश यात्राएं करता रहता है। साद के सीधे संपर्क में रहने वाला एक अन्य व्यक्ति मुफ्ती शहजाद है जो पिछले दो साल में 42 देशों की यात्रा कर चुका है। वह इन देशों में साद के फ्रंट मैन के तौर पर काम करता है। एक अन्य व्यक्ति जमशेद के साथ उसके संपर्कों की एजेंसियां जांच कर रही हैं। जांच के बाबत जमात के प्रवक्ता शाहिद अली ने कहा कि उन्हें कानून की प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है और जांच में सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 


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