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स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, स्वास्थ्य कर्मियों को नहीं करा सकते 14 दिन का क्वारंटाइन; खुद को वो रखें सुरक्षित

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। मरीजों की देखभाल के लिए बड़ी संख्या में डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की जरूरत होगी।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 01:11 AM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 01:13 AM (IST)
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, स्वास्थ्य कर्मियों को नहीं करा सकते 14 दिन का क्वारंटाइन; खुद को वो रखें सुरक्षित
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, स्वास्थ्य कर्मियों को नहीं करा सकते 14 दिन का क्वारंटाइन; खुद को वो रखें सुरक्षित

नई दिल्ली, प्रेट्र। कोरोना मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मियों की 7/14 पैटर्न के ड्यूटी रोस्टर के बाद अनिवार्य 14 दिन की क्वारंटाइन खत्म करने के निर्णय के पक्ष में केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा। निर्णय के खिलाफ दायर याचिका पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक हलफनामा दाखिल कर क्वारंटाइन सुविधा समाप्त करने को सही ठहराया। यह याचिका एक प्राइवेट डॉक्टर ने याखिल की है।

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केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि कोरोना के केजी से बढ़ रहे मरीजों के लिए निकट भविष्य में हमें बड़ी संख्या में अस्थायी अस्पताल बनाने होंगे। इसे लिए डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों की भी जरूरत होगी। चूंकि संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए गतिविधियां चलाना अस्पतालों की जिम्मेदारी है ऐसे में स्वास्थ्य कर्मियों की यह जिम्मेदारी है कि वे ही खुद को संक्रमण से बचाएं।

कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे

सरकार ने कहा कि जो स्वास्थ्य कर्मी 7/14 पैटर्न पर ड्यूटी करते हैं उनके लिए हर बार 14 दिन के क्वारंटाइन का कोई औचित्य नहीं है। जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमआर शाह की पीठ के समक्ष दाखिल हलफनामे में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। नए मरीजों के लिए बड़ी संख्या में अस्थायी अस्पताल खोलने पड़ सकते हैं। मरीजों की देखभाल के लिए बड़ी संख्या में डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की जरूरत होगी। इसीलिए सरकार ने 15 मई को नए दिशा निर्देश जारी 14 दिन की क्वारंटाइन की व्यवस्था खत्म कर दी।

पीठ ने सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता प्राइवेट डाक्टर आरुषि जैन के वकील अर्जुन सयाल और मिठू जैन को सरकार के हलफनामे पर पूरक हलफनामा दाखिल करने की अनुमति देते हुए मामले की सुनवाई 12 जून तक के लिए टाल दी।


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