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न्‍यूयार्क के कार्नेगी हॉल में गाएगी बेंगलूर की 12-वर्षीया नीलांजना

न्‍यूयार्क के कार्नेगी हॉल में बेंगलूर की 12 वर्षीया नीलांजना जयंत को गाने का मौका मिला है। अक्‍टूबर माह में वे जैज नंबर 'फ्लाई मी टू द मून' गाएंगी।

By Monika minalEdited By: Published: Wed, 27 Apr 2016 03:26 PM (IST)Updated: Wed, 27 Apr 2016 03:31 PM (IST)
न्‍यूयार्क के कार्नेगी हॉल में गाएगी बेंगलूर की 12-वर्षीया नीलांजना

बेंगलूर। ‘फ्लाई मी टू द मून’ गाना से मून यानि चांद तो नहीं पर न्यूयार्क के प्रतिष्ठित कार्नेगी हॉल में गाने का अवसर मिल गया वह भी 12 वर्ष की छोटी सी उम्र में ही। इस हॉल में पहुंचने की तमन्ना हर गायक की होती है। बेंगलूर की 12 वर्षीया बच्ची नीलांजना जयंत की यह तमन्ना पूरी हो गयी। उन्हें यह अनमोल मौका मिला है।

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पंडित शिवकुमार शर्मा और उस्ताद जाकिर हुसैन जैसे संगीतकारों के साथ आगामी अक्टूबर माह में नीलांजना जयंत भी अपनी प्रसतुति देंगी। गोल्डन वॉयसेज ऑफ अमेरिका कंपीटिशन में जीत के बाद नीलांजना को यह सम्मान मिला है। कार्नेगी हॉल में नीलांजना ‘फ्लार्इ मी टू द मून’ गाना ही गाएंगी। नीलांजना के साथ ही अन्य कैटेगरी के विजेता भी अपनी शानदार प्रस्तुति देंगे। नीलांजना को स्टेज पर परफॉर्मेंस देने में थोड़ा डर लगता है पर वह खुद को शांत रखने की कोशिश करती हैं।

मार्च में, नीलांजना की मां ने इवेंट के लिए एंट्री भेजने को कहा था। उसने अपने फ्रैंक सिंतारा के पॉपुलर जैज नंबर ‘फ्लाई मी टू द मून’ की गायकी की अपनी क्लिप भेज दी।

एक माह बाद म्यूजिकल थिएटर में डिजनी/ब्रॉडवे/जैज कैटेगरी में विजेता चुनी गयी। नीलांजना इसी गाने पर परफार्म करेंगी।

मन को शांति देता है संगीत

नीलांजना की मां का कहना है कि उन्हें बचपन से ही धुन की समझ थी और वह गुनगुनाती रहती थी। 6 वर्ष की उम्र में इसे कार्नेटिक म्यूजिक क्लासेज भेजना शुरू कर दिया। वहां ताल के लिए दाएं हाथ का इस्तेमाल करने को कहा गया और नीलांजना बाएं हाथ से ही ताल लगाती थी। इस वजह से नीलांजना ने वो क्लासेस छोड़ दी।

इसके बाद नीलांजना ने बेंगलूर के म्यूजिक स्कूल ताकादेमी में जाना शुरू किया। नीलांजना बताती है, ‘यहां संगीत सीखना काफी आनंददायक था। वहां अपने मन से काम सीखने व करने की आजादी थी और इसके लिए प्रोत्साहित भी किया जाता था।‘

जेपी नगर निवासी जयंत अनंतकृष्णन और संगीता अनंत की एकमात्र संतान नीलांजना आठवीं कक्षा की छात्रा है।

नीलांजना के साथ उसे ट्रेनिंग देने के लिए टीचर रागिनी रामानाथन को भी गोल्डन वॉयस ऑफ अमेरिका की ओर से सर्टिफिकेट दिया जाएगा।

गोल्डन वॉयसेज ऑफ अमेरिका अंतर्राष्ट्रीय कंपीटिशन है, जो सभी देशों के गायक/गायिकाओं के लिए है। यह वर्ष 2009 में अमेरिकन फाइन आर्ट्स फेस्टिवल के तहत शुरू हुआ था।

इस व्यापक प्लेटफार्म पर गायकों की प्रतियोगिता होती है और जीतने वालों को कार्नेगी हॉल में परफार्म करने का अवसर प्राप्त होता है।


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