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देशद्रोही गतिविधियों में लिप्त बड़े रैकेट का भंडाफोड़, एेसे होती थी पाक के लिए भारत की जासूसी

जम्मू-कश्मीर में भी उन्मादी मैसेज से लोगों को भड़काते थे लोग, रांची में दो जगह लगाए थे टावर।

By Edited By: Published: Wed, 24 Oct 2018 07:18 AM (IST)Updated: Wed, 24 Oct 2018 09:59 AM (IST)
देशद्रोही गतिविधियों में लिप्त बड़े रैकेट का भंडाफोड़, एेसे होती थी पाक के लिए भारत की जासूसी
देशद्रोही गतिविधियों में लिप्त बड़े रैकेट का भंडाफोड़, एेसे होती थी पाक के लिए भारत की जासूसी

जागरण संवाददाता, रांची। एटीएस (एंटी टेरिरिस्ट स्क्वायड) की टीम ने रांची में चल रही देशद्रोही गतिविधियों और खुफिया सूचनाओं को लीक करने के खेल का भंडाफोड़ किया है। एटीएस ने रांची में दो स्थानों पर छापेमारी कर पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे एक दर्जन लोगों को हिरासत में लिया है।

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पुलिस सूत्रों के अनुसार पकड़े गए गिरोह के सदस्य रांची में टेलिकॉम कंपनी का टावर लगाकर सिमबॉक्स चला रहे थे। इसे दुबई से ऑपरेट किया जा रहा था।

खुफिया सूचनाओं को किया जाता है लीक 
सिमबॉक्स का इस्तेमाल रांची से खासकर कश्मीर समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में सांप्रदायिक उन्माद फैलाने, दंगा भड़काने के अलावा सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण खुफिया सूचनाओं को लीक करने के लिए किया जा रहा था। जानकारी के अनुसार एटीएस की छापेमारी रांची के जमशेदपुर, धनबाद, जामताड़ा और पाकुड़ में भी चल रही है। दो दर्जन से अधिक टीमें छापेमारी में लगी हुई है। हालांकि पुलिस अधिकारी इस संबंध में गोपनीयता बरत रहे हैं और पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। इस गिरोह को पकड़ने के लिए एटीएस ही नहीं सीआइडी और स्पेशल ब्रांच भी जुटी थी।

गिरोह पर इंटरपोल की भी नजर
इस गिरोह पर इंटरपोल की भी नजर थी। एक विशेष अभियान के दौरान एटीएस की टीम ने राची के काटाटोली और कांके रोड में छापेमारी कर दर्जन भर लोगों को हिरासत में लिया है। एटीएस एसपी सहित कई अधिकारी हिरासत में लिए गए आरोपितों से पूछताछ कर रहे हैं। इनके पास से 10 हजार सिम कार्ड और सिमबॉक्स बरामद किए गए हैं। अब तक की पूछताछ में जानकारी मिली है कि एक ही व्यक्तिके नाम पर 10 हजार सिम कार्ड इश्यू किए गए थे। सिम बॉक्स के संचालकों ने खुद के ठिकाने पर एयरटेल फोर-जी का टावर भी लगाकर रखा था ताकि इनके कॉल को कोई ट्रेस न कर सके।

बल्क मैसेज भेजकर फैलाते हैं उन्माद 
ये आइपी कॉल और बल्क मैसेज भेजने के लिए फंडिंग बताया जा रहा है कि हिरासत में लिए गए आरोपित युवकों ने बताया कि यूआइपी कॉल और बल्क मैसेज भेजकर उन्माद फैलाने का काम करते थे। इसके लिए दुबई, पाकिस्तान और बांग्लादेश से फंडिंग होती है। इससे कई देशों का तार जुड़ा है। आतंकी संगठनों का भी जुड़ाव है। बताया जा रहा है कि ये खुफिया तंत्रों की सूचना को ये रैकेट लीक किया करते थे। सिम बॉक्स का इस्तेमाल हर प्रकार की अवैध गतिविधियों के लिए की जाती है। चूंकि इसके द्वारा किए गए कॉल को पुलिस ट्रेस नहीं सकती। बल्क मैसेज भी ट्रेसलेस होती है।

इस तरह किया जाता है कॉल
सिमबॉक्स से कॉल किया जा सकता है बाईपास सिमबॉक्स की मदद से कॉल को बाईपास किया जा सकता है। कोई कॉल इंटरकनेक्ट प्रोवाइडर से होकर पब्लिक लैंड मोबाइल नेटवर्क के जरिए इंटरनेशनल गेटवे पर जाता है। फिर वहा से इंटरनेशनल कॉल को सिम बॉक्स की मदद से लोकल कॉल में कन्वर्ट कर दिया जाता है। कॉल कन्वर्ट करने से मार्केट रेट पर कॉल चार्ज न लगकर लोकल कॉल का चार्ज लगता है। सिमबॉक्स से एक साथ 50 हजार लोगों को मैसेज भेजा जा सकता है।


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