पनामा पेपर कांड मामले में 1140 करोड़ रुपये अघोषित विदेशी निवेश का खुलासा
पनामा पेपर लीक मामले में सबसे पहले चार अप्रैल 2016 को खुलासा हुआ था।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पनामा पेपर लीक कांड में नए नाम सामने आने के बाद आयकर विभाग ने भले ही त्वरित कार्रवाई का भरोसा दिया हो, लेकिन पूर्व में सामने आए मामलों की जांच के संबंध में विभाग का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। पनामा पेपर लीक मामले में पहले जिन 426 व्यक्तियों के नाम का खुलासा हुआ था, विभाग को उसमें से मात्र 74 मामले ही कार्रवाई योग्य मिले। हालांकि अब नए नाम सामने आने के बाद सरकार का कहना है कि मल्टी एजेंसी गु्रुप ने इन मामलों की जांच शुरु कर दी है।
-आयकर विभाग को 426 मामलों में से सिर्फ 74 मामले ही कार्रवाई योग्य मिले
-पनामा पेपर लीक में नए खुलासे की जांच कर रहा मल्टी एजेंसी ग्रुप
पनामा पेपर लीक मामले में सबसे पहले चार अप्रैल 2016 को खुलासा हुआ था। इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट की पड़ताल में ये नाम सामने आए थे। इसके बाद भारत सरकार ने इन मामलों की जांच के लिए मल्टी एजेंसी ग्रुप बनाया था।
आयकर विभाग ने पनामा पेपर लीक कांड में 426 व्यक्तियों से जुड़े मामलों की जांच की जिसमें से सिर्फ 74 मामले ही कार्रवाई योग्य पाए गए। आयकर विभाग ने इनमें से 50 मामलों में सर्च तथा 12 मामलों में सर्वे की कार्रवाई की जिसमें 1140 करोड़ रुपये अघोषित विदेशी निवेश का खुलासा हुआ। 16 मामलों में आपराधिक मुकदमे शुरु किया जा चुके हैं जबकि 32 मामलों में ब्लैक मनी एक्ट की धारा 10 के तहत नोटिस जारी किए गए हैं।
वित्त मंत्रालय का कहना है कि पनामा पेपर लीक मामले में जो ताजा खुलासा हुआ है उसकी जांच प्रवर्तनकारी एजेंसियां मल्टी एजेंसी ग्रुप के नेतृत्व में तत्परता से कर रही हैं। यह ग्रुप समन्वय के साथ जांच कर रहा है। इससे पहले आयकर विभाग और इस ग्रुप के अन्य सदस्य मिलकर 426 लोगों से जुड़े मामलों की जांच कर चुके हैं।