10 अनपढ़ महिलाओं ने 50 हेक्टेयर भूमि पर लगाए एक लाख पौधे, बना दिया लहराता जंगल
10 निरक्षर महिलाओं ने 25 साल पहले महिला वन एवं पर्यावरण सुरक्षा समिति अंबोया की सदस्यों से पौधारोपण शुरू किया था। आज उन लोगों ने 50 हेक्टेयर में जंगल बना दिया है।
नाहन [राजन पुंडीर]। विषम परिस्थितियों में भी असंभव संभव हो सकता है। इसके लिए बहुत पढ़ा लिखा या साधन संपन्न होना जरूरी नहीं, बल्कि ऊंची सोच और कड़ी मेहनत चाहिए। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है सिरमौर जिला के अंबोया गांव की 10 निरक्षर महिलाओं ने। 25 वर्ष पहले महिला वन एवं पर्यावरण सुरक्षा समिति अंबोया की सदस्यों से पौधारोपण शुरू किया था।
समिति सदस्यों द्वारा रोपित एक लाख से अधिक पौधे अब जंगल का रूप ले चुके हैं। बंजर भूमि पर पौधारोपण शुरू किया तो राह में कई परेशानियां खड़ी हुई। लोगों ने इन पर चोरी तक के इल्जाम लगाए और पौधों को भी उखाड़ दिया। मगर इनके कदम डगमगाए नहीं। जिसका नतीजा 50 हेक्टेयर भूमि पर लहराता हुआ जंगल है, जो पर्यावरण संरक्षण की सीख दे रहा है। ये महिलाएं प्रतिदिन 6 से 8 घंटे काम करती हैं। सभी की ड्यूटी निर्धारित होती है।
यह है टीम
समिति की सभी 10 महिलाएं निरक्षर हैं। इनमें समिति अध्यक्ष कमला देवी, महासचिव सुमित्रा देवी के अतिरिक्त नैना देवी, संतरो देवी, चंपा देवी, गंगी देवी, कमला देवी, शांति देवी, लीला देवी व सत्या देवी शामिल हैं। बीच में संख्या 23 हो गई थी, मगर 13 महिलाओं ने साथ छोड़ दिया। पौधारोपण, निराई गुड़ाई व बांड लगाने का काम ये स्वयं करती हैं।
ऐसे मिला आइडिया
समिति महासचिव सुमित्रा देवी ने बताया कि 25 वर्ष पहले जब वह वार्ड सदस्य थी तो ग्रामसभा में वन विभाग के बीओ ने उन्हें घटते जंगलों से होने वाले नुकसान के बारे में बताया। इसके बार गांव की महिलाओं को एकत्र किया और बीओ को बुलाकर उन्हें भी वनों के लाभ के बारे में बताया। तात्कालीन पंचायत प्रधान निशीकांत के सहयोग से समिति बनाई। शुरू में वन विभाग पौधे ही मुहैया करवाता था, बाकी का कार्य महिलाएं निशुल्क करती।
ये पौधे लगाए
महिलाओं अंबोया के रिर्जव फोरेस्ट की बंजर भूमि पर आंवला, हरड़, भेड़ा, साल, शेल, जामुन, कचूर, वन हल्दी, लेमन ग्रास, कचनार व कई औषधीय जड़ी बूटियों के पौधे रोपे हैं।
मुख्यमंत्री ने दिया प्रथम पुरस्कार
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हाल ही में पौधारोपण के लिए समिति को प्रदेशभर में प्रथम पुरस्कार के रूप में एक लाख रुपये, ट्रॉफी और प्रशस्ती पत्र दिया।
जिला प्रशासन ने की अनदेखी
इतना बड़ा जंगल तैयार किया, लेकिन जिला प्रशासन ने इसे नहीं सराहा। न कोई पुरस्कार दिया और न ही अन्य सहायता। जबकि शहरों में लोग कुछ पौधे लगाकर बड़े-बड़े इनाम प्राप्त कर रहे हैं।
कमला देवी (अध्यक्ष, वन एवं पर्यावरण सुरक्षा समिति अंबोया)
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