बुढ़ापे की दास्तां- जब 60 के पार हुई उम्र तो अपने ही कर रहे हैं ‘बेगाना’
सर्वें में ये बात सामने आयी है कि हर पांच में से एक बुजुर्ग अपनों के ही दुर्व्यवहार के शिकार होते हैं।
नई दिल्ली। पिछले दिनों एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें ये देखा गया था कि कैसे बेरहमी से एक 60 साल की महिला अपनी मां की जमकर पिटाई कर रही है। ये वीडियो हेल्पेज इंडिया के उस सर्वें पर मुहर लगाती है जिसमें ये कहा गया है कि हर पांच बुजुर्ग में से एक अपने घर में ही अपनों के दुर्व्यवहार का शिकार होते हैं। इस सर्वें में ये भी पता चला है कि दुर्व्यवहार से पीड़ित करीब 98 फीसदी बुजुर्ग उनकी रक्षा में बने कानून के बावजूद अपनी शिकायत ही दर्ज नहीं करवाते हैं।
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टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, 'वर्ल्ड एल्डर एब्यूज अवेयरनेस डे' के मौके पर गैर-सरकारी संस्थाओं की तरफ से ज्यादा से ज्यादा संख्या में ऐसे लोगों को अपने घरों से बाहर निकलकर अपनी समस्याएं बताने की अपील की जा रही है। बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार के अधिकतर मामलों में उनके बेटे, बेटी या फिर दामाद होते है और करीब 53.2 फीसदी केसों में ऐसा संपत्ति और उत्तराधिकारी को लेकर विवाद होता है। सिर्फ दिल्ली में ही हेल्पेज इंडिया के पास हर महीने ऐसे शिकायती करीब 150 फोन कॉल्स आते हैं।
हेल्पेज इंडिया के ऑनलाइन का काम देखनेवाली गीतिका सेन गुप्ता का कहना है कि ज्यादा फोन कॉल्स पैसे और संपत्ति से ही संबंधित होते हैं। उन्होंने कहा- “पीड़ित बुजुर्गों के पड़ोसियों या फिर उनके शुभ चिंतक ही हमें फोन कर ऐसे दुर्व्यवहार के मामलों के बारे में बताते हैं। कुछ बुजुर्ग इस डर से फोन कर अपनी शिकायत नहीं कर पाते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि बाद में इसके चलते और कोई बड़ी बात ना हो जाए जबकि अन्य मामलों में देखा गया है कि बुजुर्ग सार्वजनिक तौर पर इस मामले को सामने ही नहीं लाना चाहते हैं। हमने देखा है कि पिछले कुछ वर्षों में बेटी की तरफ से अपनी मां को परेशान करने के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हुई है।”
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हेल्पेज इंडिया के सीईयो चेरियन कहते हैं, “ज्यादातर बुजुर्ग मौन रहकर पूरे मामले को बर्दाश्त करते हैं और सिर्फ इस तरह के वीडियो ही ऐसी भयानक हकीकत लोगों के सामने लाती है। बुजुर्ग के दुर्व्यवहार के मामले उनके अपने ही घर से आते हैं, लेकिन उनके लिए गाइडेंस और काउंसलिंग होने के बावजूद परिवार के सदस्य इसकी शिकायत करना ठीक नहीं समझते हैं। ”