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Moradabad Master Plan 2031 का तीन महीने बाद भी नहीं बन पाया ड्राफ्ट, अफसरों में नहीं बन रही सहमति

Moradabad Master Plan 2031 महायोजना 2031 को लेकर रार हो रही है। इसे दो अधिकारी आमने-सामने आ गए हैं। महायोजना को अंतिम रूप देने के लिए बनी छह सदस्य कमेटी में शामिल अधिकारियों में ही तालमेल नहीं है।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Thu, 18 Aug 2022 09:02 AM (IST)Updated: Thu, 18 Aug 2022 09:02 AM (IST)
Moradabad Master Plan 2031 का तीन महीने बाद भी नहीं बन पाया ड्राफ्ट, अफसरों में नहीं बन रही सहमति
Moradabad Master Plan 2031 : अभी तक नहीं हो सका आपत्तियों का निस्तारण।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। Moradabad Master Plan 2031 : महायोजना 2031 को लेकर रार हो रही है। इसे दो अधिकारी आमने-सामने आ गए हैं। महायोजना को अंतिम रूप देने के लिए बनी छह सदस्य कमेटी में शामिल अधिकारियों में ही तालमेल नहीं है। यही कारण है कि आपत्तियों का निस्तारण होने को तीन महीने दस दिन बीत जाने के बाद भी महायोजना को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है।

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मंगलवार काे महायोजना 2031 के ड्राफ्ट को अंतिम रूप दिए जाने पर भी चर्चा हुई। चर्चा के दौरान बोर्ड के सदस्य विकास जैन ने कहा कि पुरानी बैठक में जो निर्णय हुए थे, एमडीए के कार्यवृत से उन्हें गायब कर दिया गया। ड्राइव इन 24 के पास सड़क बनाए जाने को बोर्ड ने अनुमति दे दी थी। उसे भी कार्यवृत से अलग रखा गया।

अनुपालन आख्या से इस तरह बोर्ड के प्रस्ताव को कैसे हटाया जा सकता है। इसके अलावा भी कई ऐसे मामले हैं, जिन पर बोर्ड में चर्चा हुई। लेकिन, उन्हें कार्यवृत से हटा दिया गया। शहर के चारों तक अवैध कालोनियां विकसित हो रही हैं। एमडीए कालोनियां बसाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

उपाध्यक्ष मधुसूदन हुल्गी ने तर्क दिया कि मानसरोवर में बनने वाली सड़क की जमीन किसकी है, यह पता नहीं लग पाया है। तहसील से आख्या मांगकर इस मामले में आगे फैसला होगा। महायोजना को लेकर भी बोर्ड से सदस्यों ने आपत्ति जताई। कहा कि हमें जनता की आकांक्षा पर खरी उतरने वाली महायोजना होनी चाहिए। आपत्तियों के साथ समाधान का भी स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाना चाहिए। अवैध कालोनियां विकसित करने से रोकना एमडीए का काम है।

अवैध कालोनियां बनने से रोकी नहीं गईं तो गरीबों के घर फिर से तोड़े जाएंगे। मंडलायुक्त आन्जनेय सिंह ने कहा कि बोर्ड की बैठक में होने वाले फैसलों को कार्यवृत से अलग करना गंभीर मामला है। 27 मई को महायोजना को लेकर आने वाली आपत्तियों का निस्तारण कर दिया गया है।

तीन महीने में महायोजना के ड्राफ्ट में संशोधन नहीं हो पाया जबकि अब तक महायोजना के ड्राफ्ट को अंतिम रूप देकर शासन को भेज दिया जाना चाहिए था। कमेटी के अधिकारी सर्वसम्मति से संशोधन करके महायोजना को 26 अगस्त को दोबारा से बोर्ड के सामने रखेंगे। इतना ही नहीं मंडलायुक्त ने महायोजना फाइनल न होने पर नाराजगी जताई। उपाध्यक्ष ने मंडलायुक्त से कई बातें बैठक में ही शेयर कीं।

उन्होंने कहा कि कमेटी के अधिकारी उनकी नहीं सुन रहे हैं। मंडलायुक्त ने कहा कि यह आपका विषय है। सबको साथ लेकर टीम भावना से काम करिए। एक्सपर्ट की राय को मानकर आगे बढ़ना चाहिए। बैठक में नगर आयुक्त, एमडीए सचिव राजीव पांडेय, चीफ इंजीनियर राजीव गुप्ता, नगर नियोजक कौशलेंद्र सिंह, उपजिलाधिकारी प्रबुद्ध सिंह, अधिशासी अभियंता आरआरपी सिंह आदि मौजूद रहे।

पार्किंग घेरकर लगा दिया जाल

बोर्ड की बैठक में मिड डाउन क्लब की पार्किंग घेरकर जाल लगाने का भी बात सामने आई। बोर्ड के सदस्य ने कहा कि मिड टाउन क्लब में जिस दिन कार्यक्रम होता है। उसके आगे वाली सड़क से निकलना मुश्किल हो जाता है। इसके पीछे वजह यह है कि पार्किंग को घेरकर जाल लगा लिया गया है। वहां वैवाहिक कार्यक्रम हो रहे हैं।

क्या कहते हैं अधिकारी

एमडीए सचिव राजीव पाण्डेय ने बताया कि महायोजना को अंतिम रूप दिये जाने के लिए काम चल रहा है। 26 अगस्त को होनी वाली एमडीए बोर्ड की बैठक में महायोजना को रखा जाएगा। बाेर्ड की बैठक में ही अगली तिथि तय हो गई है। इसके बाद की कार्रवाई आगे बढ़ेगी।

मंडलायुक्त आन्जनेय कुमार सिंह का कहना है कि महायोजना के ड्राफ्ट में तीन महीने से अधिक बीत जाने के बाद भी संशोधन नहीं हो पाया। इसलिए उपाध्यक्ष ने बोर्ड के सामने नहीं रखा। अब उपाध्यक्ष को एक सप्ताह का समय दिया गया है। वह सर्वसम्मति से महायोजना को अंतिम रूप देकर बोर्ड के सामने रखेंगे।


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