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Independence Day 2022: स्वतंत्रता संग्रामियों की याद दिलाता है लुधियाना का महाराजा रंजीत सिंह वार म्यूजियम

Maharaja Ranjit Singh War Museum वार म्यूजियम की बात करें तो इसकी एंट्रेंस में महाराजा रंजीत सिंह की प्रतिमा बनी हुई है। अंदर जाने पर 12 तरह की गैलरियां बनी है। सभी गैलरी अलग-अलग योद्धाओं व युद्धों के बारे जानकारी देती है।

By DeepikaEdited By: Published: Sat, 13 Aug 2022 11:01 AM (IST)Updated: Sat, 13 Aug 2022 11:01 AM (IST)
Independence Day 2022: स्वतंत्रता संग्रामियों की याद दिलाता है लुधियाना का महाराजा रंजीत सिंह वार म्यूजियम
वार म्यूजियम के मुख्य द्वार पर लगी महाराजा रंजीत सिंह की प्रतिमा। (जागरण)

राधिका कपूर, लुधियाना। प्रथम व द्वितीय विश्व युद्ध की बात करें या इनका क्या इतिहास है, आज के समय में इसकी जानकारी बहुत कम लोग रखते होंगे। यह इतिहास किताबों तक ही सिमटता जा रहा है। हालांकि लुधियाना का महाराजा रंजीत सिंह वार म्यूजियम एक छत के नीचे ही स्वतंत्रता संग्राम में बलिदान होने वाले जांबाजों की याद दिलाता है। लुधियाना-जालंधर रोड पर यह म्यूजियम कुल छह एकड़ जमीन में बना हुआ है।

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इसे वर्ष 1999 में तैयार किया गया था। म्यूजियम में प्रथम विश्व युद्ध, द्वितीय विश्व युद्ध, कारगिल युद्ध, आजादी के बाद लड़ी लड़ाइयों का पूरा इतिहास यहां मिल जाएगा। इसी के साथ-साथ जिन महान योद्धाओं ने देश की खातिर अपना योगदान दिया है, उनका बखूबी जिक्र तस्वीरों के साथ किया गया है। म्यूजियम में लाइट एंड साउंड शो के जरिए भी बलिदानियों की भूमिका बताई जाती है, जो कि लोगों के लिए काफी ज्ञानवर्धक होता है।

पुरातन हथियारों को रखा गया

वार म्यूजियम में युद्धों में इस्तेमाल किए जाने वाले हथियारों का आज भी सुरक्षित रखा गया है। इन हथियारों में तलवारें, खुखरी, टैंक, जहाज इत्यादि शामिल हैं। खास बात यह है कि इन हथियारों को शीशे में कवर कर प्रदर्शित किया गया है। टैंक, फाइटर जहाज को लान में रखा गया है। टैंक में टी 54, पीटी 56, टी 16, मिग 27 शामिल हैं। भारत-पाक युद्ध (साल 1971) की बात करें या फिर अन्य युद्धों की हर किसी में विभिन्न टैंक का इस्तेमाल किया गया है। जिस युद्ध में टैंक, जहाज का इस्तेमाल किया गया है, उस पर जिक्र भी किया गया है।

लुधियाना में महाराजा रंजीत सिंह वार म्यूजियम में रखा गया टैंक।

म्यूजियम में हैं 12 तरह की गैलरियां

वार म्यूजियम की बात करें तो इसकी एंट्रेंस में महाराजा रंजीत सिंह की प्रतिमा बनी हुई है। अंदर जाने पर 12 तरह की गैलरियां बनी है। सभी गैलरी अलग-अलग योद्धाओं व युद्धों के बारे जानकारी देती है। किसी गैलरी में आजादी से पहले हुए युद्धों, किसी में आजादी के बाद, किसी में नेवी तो किसी में एयरफोर्स का जिक्र किया गया है। वहीं म्यूजियम में एक मुख्य हाल भी बनाया गया है, जिनमें योद्धाओं को जो भी सम्मान मिल चुका है, उनकी तस्वीरें, सम्मान व अन्य उपलब्धियों का जिक्र किया गया है।

महाराजा रंजीत सिंह वार म्यूजियम में रखा गया यादगारी सामान।

सप्ताह भर खुला रहता है म्यूजियम

महाराजा रंजीत सिंह वार म्यूजियम सप्ताह भर खुला रहता है। लोग सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक यहां आ-जा सकते हैं। दो घंटे तक के लिए एक बार में म्यूजियम में टिकट व्यवस्था की गई है। बच्चों के लिए टिकट 10 रुपये तथा बड़ों के लिए 40 रुपये तय की गई है। वार म्यूजियम की देखभाल कर रहे धर्मपाल ने बताया कि म्यूजियम सप्ताह भर खुला रहता है। कोविड समय दौरान ही इसे बंद किया गया था।

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