संसद भवन के उद्घाटन में राष्ट्रपति को आमंत्रित न करने पर JMM ने केंद्र पर साधा निशाना, कहा-आदिवासी महिला का...
सत्तारूढ़ JMM ने केंद्र सरकार पर नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में परंपराओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। झामुमो ने कहा कि शिलान्यास के समय भी तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द को दरकिनार किया गया था। अब उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को अलग रखा गया।
राज्य ब्यूरो, रांची: सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने केंद्र सरकार पर नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में परंपराओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया है।
केंद्रीय समिति सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि जब ढाई साल पहले कोरोना काल में देश का एक-एक नागरिक सांस के लिए जूझ रहा था, तब एक व्यक्ति आकांक्षाओं के कारण नए संसद भवन का शिलान्यास किया जा रहा था। शिलान्यास के समय भी तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द को दरकिनार किया गया था।
राष्ट्रपति को उद्घाटन समारोह से दूर रखने पर उठाए सवाल
अब उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को अलग रखा गया। सुप्रियो ने कहा कि जिस वक्त उद्घाटन समारोह चल रहा था, वहां से कुछ दूरी पर उन पहलवानों को घसीटा जा रहा था, जिन्होंने देश के लिए मेडल लाया है। एक व्यक्ति को फ्रेम में रखने के लिए पूरा कार्यक्रम किया गया।
आदिवासी महिला का नाम ऊपर न आए इसलिए रखा गया दूर
सुप्रियो ने कहा कि आदिवासी महिला का नाम ऊपर ना आ जाए, इसलिए उन्हें दूर रखा गया। झारखंड में भी विधानसभा का नया भवन बना था। उद्घाटन से पहले ही छत गिर गया। साढ़े आठ सौ करोड़ में मध्य प्रदेश में महाकाल कॉरिडोर बना था। सप्तर्षि की छह मूर्तियां टूट गई।
सुप्रियो ने सवाल उठाया कि देश किस रास्ते की ओर जा रहा है। महात्मा गांधी पर सवाल उठाए जा रहे हैं। जनतांत्रिक भावना को बनाए रखना और बाबा साहेब के संविधान को बचाए रखना बड़ी चुनौती है।