गोरखपुर कचहरी में चौकसी का दावा, स्थिति खराब; 20 दिन पहले काला कोट पहन माफिया ने ली थी एंट्री
गोरखपुर कचहरी के गेट नंबर एक पर लगा मेटल डिटेक्टर लंबे समय से खराब है। यहां 20 दिन पहले माफिया अजीत ने पुलिसकर्मियों को चकमा देकर काला कोट पहन कर परिसर में दाखिल हुआ था। इससे पहले यहां हत्या भी हो चुकी है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। लखनऊ उत्तर कचहरी में पेशी पर आए बदमाश की दिनदहाड़े हुई हत्या ने परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर से प्रश्न चिह्न लगा दिया है। गोरखपुर में चौकसी का दावा तो है, लेकिन स्थिति खराब है। गेट नंबर एक पर लगा मेटल डिटेक्टर लंबे समय से खराब है। डेढ़ वर्ष पहले मुकदमे की पैरवी में आए बिहार के युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 20 दिन पहले काला कोट पहनकर माफिया अजीत की तलाश में जुटी पुलिस को चकमा देकर परिसर में पीछे के रास्ते दाखिल हो गया था।
गेट नंबर एक पर लगा मेटल डिटेक्टर लंबे समय से है खराब
दीवानी न्यायालय परिसर में प्रवेश के लिए बने तीनों गेट पर मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं। परिसर में प्रवेश करने वालों को उसमें से ही होकर अंदर घुसने की व्यवस्था की गई है। सुरक्षा में एक दारोगा समेत 57 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगती है। सुबह से शाम तक यह लोग गेट पर तैनात रहते हैं, लेकिन इन रास्तों के अतिरिक्त भी कचहरी परिसर में प्रवेश करने के गुप्त रास्ते हैं जिस पर किसी की नजर नहीं होती। बार एसोसिएशन सभागार, विभिन्न अधिवक्ताओं के चैंबर के पिछले हिस्से एवं शुक्ला कैंटीन के अंदर से दिन भर लोगों का बिना रोक-टोक के आना-जाना जारी रहता है।
मंत्री बार एसोसिएशन सिविल कोर्ट गोरखपुर के धीरेन्द्र द्विवेदी ने बताया कि सभी प्रवेश द्वार पर मेटल डिटेक्टर ठीक ढंग से काम करने चाहिए। परिसर में प्रवेश करने वालों के बैग को बैग स्कैनर से जांच की व्यवस्था की जानी चाहिए। गेट नंबर एक का मेटल डिटेक्टर लगभग एक माह से काम नहीं कर रहा है। गेट नंबर चार बार एसोसिएशन सभागार के पीछे के रास्ते पर भी मेटल डिटेक्टर एवं बैग स्कैनर की व्यवस्था की जानी चाहिए। परिसर की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी गतिशील एवं सतर्क रहकर सुरक्षा व्यवस्था दे सकते हैं।