Railway अपनाने जा रहा है नई तकनीक, ट्रेन के पीछे की बोगी दूसरी गाड़ी के चालक को करेगी सचेत
Indian Railway News रेल प्रशासन जल्द ही एक नई तकनीक का प्रयोग करना शुरू करने वाला है। इस तकनीक के जरिए ट्रेनों की अंतिम बोगी की अहमियत बढ़ जाएगी। सिग्नल का संचालन ट्रेन की अंतिम बोगी द्वारा किया जाएगा।
मुरादाबाद, (प्रदीप चौरसिया)। Indian Railway News : रेल प्रशासन जल्द ही एक नई तकनीक का प्रयोग करना शुरू करने वाला है। इस तकनीक के जरिए ट्रेनों की अंतिम बोगी की अहमियत बढ़ जाएगी। दरअसल, रेल प्रशासन रेल लाइन की संख्या बढ़ाए बिना एक साथ कई ट्रेन चलाने के लिए आधुनिक तकनीक अपनाने जा रहा है। इसके तहत प्रत्येक किलोमीटर पर एक सिग्नल लगाया जाएगा। सिग्नल का संचालन ट्रेन की अंतिम बोगी द्वारा किया जाएगा।
आय बढ़ाने के लिए रेलवे चला रहा ज्यादा ट्रेनें
रेलवे आय बढ़ाने के लिए लगातार अधिक से अधिक एक्सप्रेस ट्रेन व मालगाड़ी चला रही है। वर्तमान में देश के सभी रेल मार्गों पर क्षमता से अधिक ट्रेन व मालगाड़ी का संचालन किया जा रहा है। मुरादाहबाद मंडल में 24 घंटे में 64 मालगाड़ी चलाने की क्षमता है, जबकि औसतन 200 मालगाड़ी का संचालन किया जा रहा है।
15 मिनट में दो स्टेशनों की दूरी तय करती है ट्रेन
रेल प्रशासन बिना रेललाइन की संख्या बढ़ाए अधिक से अधिक ट्रेन चलाने के लिए आधुनिक तकनीक अपनाने जा रहा है। रेलवे नियम के अनुसार जब तक कोई ट्रेन एक स्टेशन से चलने के बाद दूसरे स्टेशन पर नहीं पहुंच जाती है, तब तक उसके पीछे दूसरी ट्रेन नहीं चलायी जा सकती है। एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक ट्रेन को पहुंचने में औसत 15 मिनट का समय लगता है।
कैसे काम करेगा ऑटोमैटिक सिग्नल सिस्टम
रेलवे इस समय को कम करने के लिए प्रत्येक एक किलोमीटर पर आटोमैट्रिक सिग्नल लगाने जा रहा है। आप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) के द्वारा आसपास में जुड़ा होगा। जहां सिग्नल लगा होगा, वहां के रेललाइन पर उपकरण लगाया जाएगा। जिस सिग्नल के पास से इंजन पहिया गुजरते ही पीछे का सिग्नल स्वतः लाल लाल हो जाएगा। सिग्नल से ट्रेन के अंतिम कोच का पहिया गुजरेगा, तो पीछे का सिग्नल हरा हो जाएगा।
दो रूट पर सिस्टम लगाने की मिली स्वीकृति
इस व्यवस्था के बाद दो स्टेशन के बीच एक ट्रेन के बजाय तीन से चार ट्रेन का संचालन किया जाएगा। दो सिग्नल के बीच ट्रेन खड़ी होने पर पीछे से आ रही ट्रेन के चालक को पांच सौ मीटर की दूरी से सिग्नल लाल दिखायी देगा और चालक ट्रेन रोक देगा। रेल प्रशासन ने मुरादाबाद रेल मंडल के सहारनपुर-मुरादाबाद-लखनऊ तक 518 किलोमीटर और मुरादाबाद से गाजियाबाद तक 140 किलोमीटर तक आटोमैटिक सिस्टम लगाने की स्वीकृत दी है।
जिस पर सात सौ करोड़ रुपये बजट का प्रावधान किया है। मार्च 2025 तक उक्त सिस्टम लगाने का लक्ष्य है। प्रवर मंडल वाणिज्य प्रबंधक सुधीर सिंह ने बताया कि दो स्टेशनों के बीच भी सिग्नल लगाया जाना प्रस्तावित है। जिससे ट्रेनों का संचालन आसानी से किया जा सकता है।