Move to Jagran APP

राघोपुर में उफनती गंगा की लहरों पर चलता है नाविकों का अपना कानून

राघोपुर में उफनती गंगा की लहरों पर चलता है नाविकों का अपना कानून

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Aug 2022 09:14 PM (IST)Updated: Wed, 17 Aug 2022 09:14 PM (IST)
राघोपुर में उफनती गंगा की लहरों पर चलता है नाविकों का अपना कानून
राघोपुर में उफनती गंगा की लहरों पर चलता है नाविकों का अपना कानून

राघोपुर में उफनती गंगा की लहरों पर चलता है नाविकों का अपना कानून

loksabha election banner

रविकांत सिंह राघोपुर (वैशाली) : राघोपुर प्रखंड के फतेहपुर एवं जमींदारी आदि घाट से खलसा चकौसन के लिए खुलने वाली नाव का परिचालन सुरक्षा मानकों ताक पर रखकर किया जा रहा है। वहीं, रुस्तमपुर और सैदाबाद से जेटली पटना के लिए खुलने वाले सभी नाव बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं। हालांकि पुलिस के मौजूदगी में नाविक नाव पर कम सवारी बिठाते हैं। पुलिस के जाते ही नाविकों की मनमानी बढ़ जाती है। फतेहपुर घाट से खुलने वाली सरकारी नाव पर नाविक क्षमता से अधिक सवारी बैठाने के साथ ही दो पहिया वाहन लोड करते हैं। वहीं सरकारी कर्मचारी इसका खुलकर विरोध नहीं पर पाते हैं। जिसके कारण नाविक की मनमानी चरम पर है। क्षमता से 2 से 3 गुना अधिक यात्रियों को नाव पर बिठाकर गंगा नदी पार कराया जा रहा है। हैरत की बात यह है कि इस और स्थानीय प्रशासनिक एवं पुलिस अफसरों का ध्यान नहीं है। हद तो यह है कि स्थानीय प्रशासन की मौजूदगी में नाविक ओवरलोडिंग नाव का परिचालन कर रहे। पूर्व में कई बार नौका हादसा का गवाह बन चुके राघोपुर में अगर प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया तो राघोपुर फिर एक बार बड़े नौका का हादसा का गवाह बन सकता है। तब शायद ना तो स्थानीय एवं जिला प्रशासन ना ही सरकार जवाब देने की स्थिति में होगी।

नियमों को ताक पर रखकर किया जा रहा परिचालन

प्रखंड के फतेहपुर एवं जमींदारी एवं फतेहपुर घाट में नियम को ताक पर रखकर गांव का परिचालन किया जा रहा है। नावों के ऊपर ना तो लाइट की व्यवस्था है और ना ही सुरक्षा की कोई सामान। यहां नाव पर फर्स्ट एड, लाइफ जैकेट, टार्च आदि की व्यवस्था नहीं है। सबसे हैरत की बात यह है कि दर्जनों नावों ऊपर अप्रशिक्षित नाविक परिचालन कर रहे हैं।

जानवर की तरह लाद कराया जा रहा सवारी को नदी पार

राघोपुर में अधिकतर घाटों पर नावों पर जानवर की तरह लोगों को लादकर नदी पार कराया जा रहा है। अधिकतर नावों का रजिस्ट्रेशन भी नहीं है। नाव पर यात्रियों के साथ ट्रैक्टर मोटरसाइकिल, टैंपू, स्कार्पियो, बोलेरो आदि भी लोड किया जाता है। हैरत की बात तो यह है कि कोई भी रोकने-टोकने वाला नहीं है। लोग अगर विरोध करते हैं तो उन्हें नाव से उतार दिया जाता है। कई दबंग किस्म के नाविक मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। प्रखंड के फतेहपुर जमींदारी घाट पर खतरे के बीच नाव का परिचालन हो रहा है। जब कोई दुर्घटना होती है तो प्रशासन सचेत होता है। कुछ दिनों के लिए घाट पर सुरक्षा बढ़ा दी जाती है फिर हालात ज्यों के त्यों हो जाते हैं।

ढाई लाख लोग 6 महीने तक नाव से ही आते-जाते हैं पटना और हाजीपुर

प्रखंड के लगभग ढाई लाख की आबादी साल के 6 माह नाव से ही पटना हाजीपुर आती-जाती है। सरकारी स्तर पर इक्का-दुक्का नाव है। ऐसे नाव सरकारी कर्मी एवं पदाधिकारी को लाने और ले जाने में लगी रहती है। बचे समय में उस नाव से यात्रियों को भी पैसे लेकर नदी पार कराया जाता है। रुस्तमपुर, फतेहपुर, जमींदारी और सैदाबाद घाट को मिलाकर लगभग 250 नाव चलती है। लगभग नाल बिना रजिस्ट्रेशन के चल रही है। रुस्तमपुर एवं सैदाबाद घाट से प्रतिदिन लगभग 35 हजार लोग से गंगा नदी पार करते हैं। वही 500 छोटी-बड़ी गाड़ियां प्रतिदिन नाव से पार करती है। प्रखंड के दूध सब्जी एवं अन्य व्यवसाय करने वाले लोग और दैनिक मजदूर पटना से हाजीपुर आते जाते हैं। राघोपुर आने वाले प्रखंड अंचल बीआरसी स्वास्थ्य विभाग जीविका एवं बैंक कर्मी को काफी परेशानी होती है। प्रखंड के रुस्तमपुर और सैदाबाद घाट में सत्ता पक्ष के दर्जनों नेताओं का नाव चलते हैं। जिसके कारण स्थानीय पुलिस प्रशासन एवं प्रखंड अंचल के पदाधिकारी कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं। स्थानीय लोग कई बार स्थानीय पुलिस प्रशासन एवं प्रखंड अंचल के पदाधिकारी को ओवरलोडिंग की शिकायत की पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.