हिमाचल चुनाव: कांगड़ा के विधायक पवन काजल ने कल लंच पर बुलाए कार्यकर्ता व समर्थक, चर्चाओं का बाजार गरम
Himachal Vidhan Sabha Chunav भाजपा से छिटककर एक बार निर्दलीय विधायक रहे और मौजूदा कांग्रेस के विधायक एवं कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष पवन काजल ने हलके में फिर से राजनीतिक सरगर्मियां तेज कर दी हैं। एक बार फिर से पवन काजल की वापसी की सुगबुगाहट तेज हो गई है।
कांगड़ा, संवाद सहयोगी। Himachal Vidhan Sabha Chunav, भाजपा से छिटककर एक बार निर्दलीय विधायक रहे और मौजूदा कांग्रेस के विधायक एवं कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष पवन काजल ने हलके में फिर से राजनीतिक सरगर्मियां तेज कर दी हैं। एक बार फिर से पवन काजल की भाजपा में वापसी की सुगबुगाहट तेज हो गई है। काजल फिर सुर्खियाें में आ गए हैं। इसका कारण यह भी बताया जा रहा है कि रविवार को विधायक पवन काजल ने अपने समर्थकों व कार्यकर्ताओं को लंच पर बुलाया है। लंच के बहाने वह अपने कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा करेंगे और आगामी चुनावी रणनीति भी बनाएंगे। इंटरनेट मीडिया व राजनीतिक बाजार में ये चर्चाएं तेज हो गई हैं। लेकिन पवन काजल इस बात को नकार चुके हैं। अब जब विधानसभा सत्र के बाद विधायक की ओर से समर्थकों को लंच पर बुलाने से चर्चा फिर से तेज हो गई है।
अगर पवन काजल भाजपा में शामिल हो जाते हैं तो कांग्रेस को आगामी विधानसभा चुनावों में बहुत बड़ा नुकसान होना तय है। इसका कारण यह भी है कि कांगड़ा विस क्षेत्र में पवन काजल के अलावा कांग्रेस के पास कोई ओर नेता न के ही बराबर है और कांग्रेस जिला में अपनी पक्की सीटों में कांगड़ा को मुख्य रूप से मानकर चल रही है।
वहीं अगर काजल की भाजपा में वापसी होती है तो भाजपा से टिकट के चाहवानों की लगी लंबी कतार खाली हो जाएगी, क्योंकि यह तय हो जाएगा कि टिकट के भाजपा तलबगारों को इस बार भी इंतजार ही करना पड़ेगा। भाजपा में पूर्व विधायक संजय चौधरी, जिला परिषद अध्यक्ष रमेश बराड़, भाजपा के प्रदेश सचिव वीरेंद्र चौधरी, जिला परिषद सदस्य कुलभाष चौधरी व देवी लाल टिकट की दौड़ में सामने हैं। इसके अलावा चौधरी सुरेंद्र काकू की सक्रियता भी कांगड़ा हलके में है।
दो बार जीत दर्ज कर चुके हैं काजल
मौजूदा समय के कांग्रेस के पवन काजल लगातार दूसरी बार विधायक हैं। वर्ष 2012 के चुनाव से पहले भाजपा से छिटके काजल पर कांग्रेस ने भरोसा जताया। काजल ने 2012 के चुनाव में यह सीट बतौर निर्दलीय प्रत्याशी जीती। 2017 में काजल इस हलके से कांग्रेस के खेवनहार रहे और लगातार दूसरी बार जीत हासिल की।
81 हजार है कांगड़ा की आबादी
कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र की कुल आबादी 81 हजार के करीब है। 60 के करीब ओबीसी वोट बैंक है। 45 पंचायतों में से 15 ओबीसी से संबंधित हैं। नगर परिषद क्षेत्र के नौ वार्डों में साढ़े नौ हजार वोट बैंक शहरी क्षेत्र का है। हलका पलम व चंगर में बंटा है।