कोरोना के चलते दो साल से बंद गोगामेड़ी मेला शुरू, हिसार रोडवेज डिपो ने 20 स्पेशल बसें मांगी
पिछले दो सालों में कोविड के चलते राजस्थान सरकार ने सभी कार्यक्रम व मेलों पर रोक लगा दी थी। ऐसे में श्रद्धालु गोगामेड़ी धाम में धोक लगाने के लिए नहीं जा सके। वरना सालाना पैदल और बस से सफर करने वाले श्रद्धालु ओं की भीड़ बहुत ज्यादा होती है।
जागरण संवाददाता, हिसार। गोगामेड़ी सीजन शुरू हो गया है। शनिवार को आज से भादव महीना भी लग गया। यह पूरा माह गोगामेड़ी का सीजन होता है। इस माह में गोगामेड़ी जाने वाले श्रद्धालु ओं की भीड़ भी ज्यादा होती है और बसें कम होती है। अभी से बालसमंद-भादरा रूट पर श्रद्धालु ओं की भीड़ बढ़ने लगी है। पिछले दो से तीन दिनों से प्राइवेट व रोडवेज बसों में यात्रियों व श्रद्धालु ओं की संख्या ज्यादा होती है। मगर अभी तक कोई स्पेशल बसों नहीं चलाई गई है।
यह देखते हुए हिसार डिपो ने गोगामेड़ी श्रद्धालुओं के लिए स्पेशल बसें चलाने का फैसला लिया है। इस बारे में रोडवेज के आला अधिकारियों की बैठक हुई थी। अब 20 रोडवेज बसों का परिमट रोडवेज प्रशासन ने आरटीओ से मांगा है। अगर फिर भी भीड़ ज्यादा होती है तो बसों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी।
इसके अलावा प्राइवेट बसें भी चलनी है। प्राइवेट बसों के संचालकों ने भी बसों के परमिट के लिए आरटीओ से बात करेगा। यह बसें सीट टू सीट सवारी भरकर शहर बस स्टैंड से सीधा गोगामेड़ी के लिए रवाना होगी। इसका यात्रियों व श्रद्धालुओं को फायदा होगा। उनको समय पर बसों की सुविधा मिल सकेगी। वहीं रेलवे प्रशासन द्वारा भी ट्रेन की सुविधा उपलब्ध करवाई जा सकती है, जो सीधा गोगामेड़ी जाएगी।
पिछले दो सालों से बंद था गोगामेड़ी मेला
पिछले दो सालों से गोगामेड़ी मेला बंद रहा है, क्योंकि कोविड काल था। कोविड के चलते राजस्थान सरकार ने सभी कार्यक्रम व मेलों पर रोक लगा दी थी। ऐसे में श्रद्धालु गोगामेड़ी धाम में धोक लगाने के लिए नहीं जा सके। वरना सालाना पैदल और बस से सफर करने वाले श्रद्धालु ओं की भीड़ बहुत ज्यादा होती है। एक माह तक काफी स्पेशल बसें चलती है।
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हिसार बस स्टैंड से गोगामेड़ी जाने वाली यह है रोडवेज बसों का समय
सुबह - 6 बजे पहली और दूसरी सुबह 7.15 बजे
बाहरी राज्यों से भी धोक लगाते आते हैं श्रद्धालु
गोगामेड़ी में गोगा पीर महाराज की स्माधी है और उनके गुरु गोरखनाथ का टीला है। इसके अलावा तालाब है, जिसका पानी नहीं सूखता। ऐसे में श्रद्धालु तालाब में स्नान करने और गोगा पीर की धोक लगाने के लिए आते है। हरियाणा व राजस्थान ही नहीं दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, पंजाब व अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु धोक लगाने आते है। इसलिए बसों से लेकर ट्रेनों में भीड़ बढ़ जाती है।