Hapur News: अमीर बनने की चाहत में दोस्त और रिश्तेदारों ने रचा लूट का षड्यंत्र, कैश ठिकाने लगाते समय पुलिस ने पकड़ा
खेतीबाड़ी और किराए पर गाड़ी चलाने के धंधे से गिरफ्तार आरोपित विपिन उर्फ बोबी संतुष्ट नहीं था। अमीर बनने की चाहत में उसने अपराध का रास्ता चुना। मास्टरमाइंड विपिन और सागर ने बड़ी लूट की वारदात को अंजाम देने का प्लान तैयार किया।
हापुड़ [केशव त्यागी]। खेतीबाड़ी और किराए पर गाड़ी चलाने के धंधे से गिरफ्तार आरोपित विपिन उर्फ बोबी संतुष्ट नहीं था। अमीर बनने की चाहत में उसने अपराध का रास्ता चुना। मास्टरमाइंड विपिन और सागर ने बड़ी लूट की वारदात को अंजाम देने का प्लान तैयार किया। जिसे अंजाम देने में वह कामयाब भी हो गए थे। मगर उनकी खुशी को जिला पुलिस ने चार दिन में जेल जाने के दुख में बदल कर रख दिया।
विपिन को इस बात की जानकारी थी कि सीएमएस (कैश मैनेजमेंट कंपनी) की कार कैश कलेक्शन के लिए प्रतिदिन आती है। उसने सागर को कार से रुपये लूटने की बात बताई। जिसके बाद दोनों ने फिल्मी स्टाइल में लूट का प्लान तैयार किया। इस काम को अंजाम देने के लिए उन्होंने विपिन ने अपने भाई प्रिंस उर्फ प्रदीप, नाबालिग फुफेरे भाई और चाचा हेम सिंह को शामिल किया।
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सभी को बताई उनकी भूमिका
हेम सिंह भी किराए पर गाड़ी चलाता है। इसके बाद मोहित को भी अपना प्लान बताया और गिरोह में शामिल कर लिया गया। वारदात को अंजाम देने से पहले किस सदस्य की क्या भूमिका रहेगी, यह बात तय कर ली गई थी।
लूट का दिन किया तय
कार से नकदी लूटने के लिए दोनों ने पांच अगस्त का दिन तय किया था। अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर गिरोह के सभी सदस्य कार की पीछा करते रहे। लेकिन नगदी लूटने में कामयाब नहीं हो सके। इसके बाद दोनों ने नौ अगस्त को वारदात को अंजाम देने का प्लान तैयार किया।
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बाल अपचारी ने रोकी थी कार
नौ अगस्त को फुल प्रूफ प्लानिंग के साथ गिरोह के सदस्यों ने कार का पीछा करना शुरू किया था। सभी अलग-अलग वाहनों पर सवार थे। उड़ान कंपनी से से कुछ दूरी पर नाबालिग ने छोटा हाथी सीएमएस (कैश मैनेजमेंट कंपनी) की कार के आगे लगा दिया था।
कार के रुकते ही दूसरे छोटे हाथी से विपिन और प्रिंस नीचे उतरे। दोनों ने कार का शीशा तोड़ दिया। विपिन ने कार चालक मथुरा प्रसाद के कंधे में गोली मार दी थी, जिसके बाद सभी ने नगदी लूट ली। गिरोह के सभी सदस्यों ने फरार होने के लिए अलग-अलग रास्ता चुना था। ताकि पुलिस को शक न हो सके।
सीसीटीवी कैमरे से बदमाशों तक पहुंची पुलिस
एसपी दीपक भूकर ने बताया कि सीएमएस (कैश मैनेजमेंट कंपनी) की कार का चालक और कर्मचारी जिस-जिस कंपनी से कैश लेकर लौट रहे थे। पुलिस ने उन कंपनियों पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज चेक कराई। पांच टीमों ने तीन दिनों तक लगातार फुटेज खंगाली। जिसके बाद पुलिस को बदमाशों की जानकारी हुई थी।
रुपयों को ठिकाने लगाने जा रहे थे बदमाश
एसपी ने बताया कि जिस वक्त बदमाशों की गिरफ्तारी हुई है। उस वक्त बदमाश लूटे गए रुपयों को ठिकाने लगाने जा रहे थे। क्योंकि पुलिस लगातार उनकी तलाश में दबिश दे रही थी। लेकिन वह अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सके।